लखनऊ विश्वविद्यालय प्री-दीक्षांत समारोह : भाषण प्रतियोगिता में संदीप ने मारी बाजी, उपविजेता रहीं आर्ची

UPT | लखनऊ विश्वविद्यालय प्री-दीक्षांत समारोह

Sep 12, 2024 23:28

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो बोनो क्लब की ओर से बृहस्पतिवार को प्री-दीक्षांत समारोह के अंतर्गत भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में संदीप गुप्ता ने पहला स्थान प्राप्त किया। वहीं आर्ची कटियार उप विजेता घोषित की गयीं।

Lucknow News : लखनऊ विश्वविद्यालय (लवि) के प्रो बोनो क्लब की ओर से बृहस्पतिवार को प्री-दीक्षांत समारोह के अंतर्गत भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में संदीप गुप्ता ने पहला स्थान प्राप्त किया। वहीं आर्ची कटियार उपविजेता घोषित की गयीं। जबकि तीसरे स्थान पर सेशाद्री रहे। प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुतियों से सभी को प्रभावित किया और दर्शकों ने भी उनकी सराहना की। 

छात्र-छात्राओं को किया प्रोत्साहित 
समारोह में विधि संकाय के प्रमुख और डीन प्रोफेसर डॉ. बीडी सिंह और विश्वविद्यालय के न्यू कैंपस के निदेशक, प्रोफेसर आरके सिंह ने छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं उनके व्यक्तित्व विकास, सार्वजनिक बोलने की कला और कानूनी ज्ञान के प्रसार में सहायक होती हैं। प्रोफेसर विनीता काचर ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल कानूनी शिक्षा को बढ़ावा देते हैं, बल्कि छात्रों में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता, और संचार कौशल को भी विकसित करते हैं। 

भागदौड़ भरी जिंदगी में संगीत के साथ योग भी जरूरी
लखनऊ विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के तत्वावधान में योग सभागार में 'योग तरंग' कार्यक्रम आयोजित हुआ। फैकल्टी के कोआर्डिनेटर डॉ. अमरजीत यादव ने बताया कि आयोजन के पहले दिन शिव स्तुति के साथ फैकल्टी की छात्राओं सपना कुशवाहा और व्याख्या सिंह ने योग नृत्य प्रस्तुत किया। इस नृत्य की भावभंगिमाओ से सभागार में भक्तिमय उल्लास का माहौल बना दिया। छात्र रोहित यदुवंशी ने शारीरिक दक्षता के विभिन्न प्रकारों का प्रदर्शन किया। अधिष्ठाता प्रोफेसर अशोक कुमार सोनकर ने कहा कि आज की भाग दौड़ की जिंदगी में संगीत के साथ योग भी आवश्यक ह। फैकल्टी के शिक्षक डॉ रामनरेश ने योग की विभिन्न मुद्राओं का अभ्यास कराया।

भूकंप का प्रभाव किया जा सकता है कम
लखनऊ विश्वविद्यालय के भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा भूवैज्ञानिक प्रदर्शनी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शामिल मुख्य वक्ता बीरबल साहनी पुराप्राणिविज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. महेश ठक्कर ने कहा कि हम भूकंप को रोक नहीं सकते, पर इसके प्रभावों को कम कर सकते हैं। उन्होंने भूगर्भशास्त्र विभाग की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने बताया कि भूकंप पृथ्वी की सतह के निरंतर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने अल्लाह बंध का उल्लेख किया, जोकि 1819 के कच्छ भूकंप के परिणाम स्वरूप बना एक प्राकृतिक डैम है। यह प्राकृतिक निर्माण भूकंप की उस सृजनात्मक शक्ति का उदाहरण है जो भू-आकृतियों को नया रूप देती है। इस भूकंप ने कच्छ के रण क्षेत्र को पूरी तरह बदल दिया और वहां एक प्राकृतिक रिज और बेसिन का निर्माण किया।

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