डिजिटल अटेंडेंस : मायावती बोलीं- जल्दबाजी में बिना पूरी तैयारी के थोपा, स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव

UPT | mayawati

Jul 16, 2024 11:33

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी भी सरकार का ऐसा ही नया कदम लगता है जो जल्दबाजी में बिना पूरी तैयारी के ही थोप दिया गया है।

Short Highlights
  • सरकार पर गंभीर समस्याओं का हल नहीं निकालने का लगाया आरोप
  • शिक्षकों की भर्ती को लेकर सरकार से की मांग 
Lucknow News : प्रदेश में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए शासन स्तर पर प्रयास शुरू हो गए हैं। हालांकि मामला अभी भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है और शिक्षक अपनी मांगे पूरी होने पहले डिटिजल अटेंडेंस नहीं लगाने पर अड़े हैं। इस बीच बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सरकार पर स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का हल निकालने के बजाय दिखावटी काम करने का आरोप लगाया है।

सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
मायावती ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में जरूरी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव होने के कारण वहां बदहाली की शिकायतें आम रही हैं, जिस पर समुचित बजटीय प्रावधान करके उन गंभीर समस्याओं का उचित हल करने के बजाय सरकार उस पर से ध्यान बांटने के लिए केवल दिखावटी कार्य कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह क्या उचित है?

शिक्षकों की भर्ती पर ध्यान दे सरकार
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी भी सरकार का ऐसा ही नया कदम लगता है जो जल्दबाजी में बिना पूरी तैयारी के ही थोप दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे कहीं ज्यादा जरूरी है कि शिक्षकों की सही व समुचित संख्या में भर्ती के साथ ही बुनियादी सुविधाओं का विकास ताकि अच्छी गुणवत्ता वाली पढ़ाई सुनिश्चित हो सके।

शिक्षक संगठनों के साथ समाधान निकालने की कोशिश
इस बीच डिजिटल अटेंडेंस के मामले में शिक्षक संगठनों को बातचीत के जरिए समझाने का प्रयास चल रहा है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने विभिन्न शिक्षक संगठनों को सोमवार को बातचीत भी की। कुछ संगठनों के पदाधिकारियों ने उनसे मुलाकात की। लेकिन समाधान नहीं निकला। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने महानिदेशक स्कूल शिक्षक से मुलाकात में अपना पक्ष रखा। पदाधिकारियों ने डिजिटाइजेशन से पूर्व शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण की मांग की। महिला शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य के नेतृत्व में भी प्रतिनिधिमंडल ने महानिदेशक से बातचीत में अपनी समस्याएं रखीं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। 

भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने नौकरशाही पर बोला हमला, सीएम को लिखा पत्र
इस बीच भाजपा के विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि सरकार की छवि शिक्षक और कर्मचारी विरोधी की बन गई है। इसके लिए नौकरशाह और उनके द्वारा लिए गए निर्णय जिम्मेदार हैं। नौकरशाहों के लिए गए निर्णय सरकार के लिए अभिशाप बन गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों महानिदेशक कार्यालय में हुए निरीक्षण में 85 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए थे। उन्होंने अपने विभाग में डिजिटल हाजिरी नहीं लागू की। पुराना स्मार्टफोन बाजार में 7500 में मिलता है और उसे अधिक मूल पर क्रय करने वाले अधिकारियों ने राजकोष की कितनल लूट की है। नौकरशाही की साजिश से बचना होगा। बढ़ते जनाक्रोश को देखते हुए डिजिटल हाजिरी के निर्णय को वापस लेना होगा।

मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद किया जाएगा निर्णय
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने बताया कि शिक्षक संगठनों से वार्ता चल रही है। उनकी समस्याओं के समाधान का बेहतर रास्ता निकालेंगे। उन्हें ईएल, सीएल या मेडिकल दी जा सकती है या नहीं, इस पर बात चल रही है। मुख्यमंत्री से विचार-विमर्श कर इस पर फैसला किया जाएगा। 

शिक्षकों की प्रमुख मांग
  • बेसिक शिक्षा विभाग में प्रिविलेज अवकाश की व्यवस्था है, इसे दिया जाए।
  • अवकाश के दिनों में काम करने पर प्रतिकर अवकाश दिया जाए।
  • शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति निःशुल्क कैशलेश चिकित्सा सुविधा दें।
  • अन्य विभागों की भांति शिक्षकों को न्यूनतम 15 हाफ डे लीव दी जाए।
  • शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की भांति 30 ईएल दी जाए।
  • आकस्मिक घटना या आपदा में एक घंटे की अवधि में अनुपस्थित न माना जाए।

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