'मुख्तार-अतीक को गोद में बिठाने वाले क्या जानेंगे मठाधीश और माफिया का अंतर' : अखिलेश यादव के मठाधीश बयान पर भड़के साधु-संत, सीएम योगी ने की कड़ी आलोचना

UPT | साधु-संतों की नाराज़गी

Sep 12, 2024 20:20

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव द्वारा मठाधीशों और माफियाओं के बीच की तुलना करने वाले बयान पर प्रदेश के साधु-संतों में गहरी नाराजगी फैल गई है।

Lucknow News : सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव द्वारा मठाधीशों और माफियाओं के बीच की तुलना करने वाले बयान पर प्रदेश के साधु-संतों में गहरी नाराजगी फैल गई है। धर्माचार्यों ने अखिलेश यादव के इस बयान को न केवल निंदनीय बताया, बल्कि इसे सनातन धर्म और मठ-मंदिर की मर्यादा का अपमान कहा। साधु-संतों का कहना है कि मठाधीशों की तुलना माफियाओं से करना पूरी तरह से अनुचित और अस्वीकार्य है। उन्होंने मांग की कि अखिलेश यादव को अपनी भाषा और विचारों पर नियंत्रण रखना चाहिए।

अखिलेश यादव के बयान की निंदा
महंत दुर्गा दास, पंचायती अखाड़ा उदासीन निर्वाण ने कहा कि अखिलेश यादव का मठाधीशों की तुलना माफियाओं से करना उनकी नासमझी का प्रतीक है। उन्होंने कहा, "मठाधीश तो सनातन धर्म में भगवान का रूप होते हैं। योगी आदित्यनाथ जिस गद्दी के पीठाधीश्वर हैं, वह पूजनीय है। अखिलेश यादव को मठ-मंदिर की मर्यादा और उनकी जिम्मेदारियों का शायद कोई अंदाजा नहीं है। उनका यह बयान अत्यंत निकृष्ट है।"

ईश्वर से सद्बुद्धि की प्रार्थना
महंत योगेश पुरी महाराज, मन:कामेश्वर मंदिर, आगरा ने भी अखिलेश यादव की निंदा करते हुए कहा, "जिसके पिता ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं थीं और जिनके मंत्री भगवान राम के बारे में उल्टी-सीधी बातें करते हैं, उनसे मठों के प्रति सही दृष्टिकोण की उम्मीद नहीं की जा सकती। हमें ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि वह अखिलेश यादव को सद्बुद्धि प्रदान करें।"



मठाधीश और माफिया में अंतर स्पष्ट
साधु-संतों ने स्पष्ट रूप से कहा कि मठाधीशों का काम समाज में शांति और संस्कारों का प्रसार करना होता है, जबकि माफिया समाज को अराजकता और विध्वंस की ओर ले जाते हैं। यमुना पुरी, सचिव, पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी ने कहा, "अखिलेश यादव शायद यह नहीं समझते कि मठाधीश समाज के लिए कल्याणकारी होते हैं, जबकि माफिया विध्वंसकारी होते हैं। अखिलेश का यह बयान उनकी नासमझी को दर्शाता है।"

मठाधीश संस्कृति के संवर्धक, माफिया समाज के विध्वंसक
हनुमानगढ़ी के महंत वरुण दास ने कहा, "मठाधीश सर्वे भवन्तु सुखिनः के सिद्धांत पर काम करते हैं। वे समाज और भारतीय संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करते हैं, जबकि माफिया समाज में हिंसा और अराजकता फैलाते हैं। अखिलेश यादव का मठाधीशों की तुलना माफियाओं से करना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह उनकी राजनैतिक अपरिपक्वता को भी दर्शाता है।"

अखिलेश के खिलाफ अभियान चलाने की चेतावनी
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने अखिलेश यादव के बयान को राजनीति में गिरावट की निशानी बताया। उन्होंने कहा, "यह बयान न केवल हिंदू धर्माचार्यों के प्रति घृणा का प्रतीक है, बल्कि यह राजनीति में निकृष्टता की पराकाष्ठा है। उत्तर प्रदेश की जनता माफियाओं के इन दलालों को उचित समय पर जवाब देगी। यदि आवश्यकता पड़ी, तो संत समाज अखिलेश यादव के विरुद्ध अभियान भी चलाएगा।"

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