निजी कंपनियां होंगी मालामाल : सरकार से मिलेगी 9061 करोड़ की सब्सिडी और UPPCL से सबसे सस्ती दर पर खरीदेंगी बिजली

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Dec 19, 2024 17:59

मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एंपावर्ड कमेटी ने स्पष्ट तौर पर अपने प्रस्ताव में लिखा है कि पावर कारपोरेशन लिमिटेड नई पांचों कंपनियों को दो वर्षों के लिए विद्युत नियामक आयोग की निर्धारित बल्क सप्लाई टैरिफ (बीएसटी) पर बिजली देगा। यानी प्रदेश की नई बनने वाली निजी घरानों की कंपनियां सब्सिडी भी पाएंंगी।

Lucknow News : दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) को निजी हाथों में सौंपने के लिए अधिकारियों ने ऐसा ताना-बाना बुना है, जिससे निजी घरानों को मुनाफा होना तय है। एक तरफ प्रदेश सरकार पीपीपी मॉडल लागू होने के बावजूद इन कंपनियों को 9061 करोड़ की भारीभरकम सब्सिडी जारी रखेगी। वहीं पांचों नई कंपनियां सबसे सस्ती बिजली उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) से पीपीए आधारित बीएसटी की दर पर खरीदेंगी। इस तरह उनकी पांचों उंगलियां घी में होंगी। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आंकड़ों के जरिए इसका खुलासा करते हुए प्रदेश सरकार से इस पूरे पीपीपी मॉडल को अविलंब निरस्त करने की मांग की है।

पावर कारपोरेशन-मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एंपावर्ड कमेटी ने की चालाकी
संगठन का कहना है कि पावर कारपोरेशन व मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एंपावर्ड कमेटी ने बड़ी चालाकी से पीपीपी मॉडल के लिए बनने वाली नई पांच बिजली कंपनियां के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) का अलॉटमेंट का जो तरीका अपनाया है, उससे निजी घरानों की बनने वाली इन कंपनियों को बड़ा लाभ मिलना तय है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एंपावर्ड कमेटी ने स्पष्ट तौर पर अपने प्रस्ताव में लिखा है कि पावर कारपोरेशन लिमिटेड नई पांचों कंपनियों को दो वर्षों के लिए विद्युत नियामक आयोग की निर्धारित बल्क सप्लाई टैरिफ (बीएसटी) पर बिजली देगा। यानी प्रदेश की नई बनने वाली निजी घरानों की कंपनियां सब्सिडी भी पाएंंगी, वहीं सबसे सस्ती बिजली अलॉटमेंट का लाभ भी आसानी से उन्हें मिलेगा।



पांचों बिजली कंपनियों के लिए बीएसटी की दरें निर्धारित
संगठन के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्ष 2024-25 की बात की जाए और यह आकलन किया जाए कि इस वित्तीय वर्ष में यदि नई बिजली कंपनियों का गठन हो जाता है, तो उन्हें किस प्रकार से लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सभी बिजली कंपनियों के लिए पावर कारपोरेशन अलग-अलग पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत बिजली की खरीद करता है। प्रदेश की पांचों बिजली कंपनियों के लिए अलग-अलग बल्क सप्लाई टैरिफ (बीएसटी) की दरें निर्धारित हैं। वर्ष 2024-25 पर पावर कारपोरेशन डिस्काम स्तर पर जो बिजली की खरीद करेगा, वह लगभग 141245 मिलियन यूनिट है। इसकी कुल लागत लगभग 77315 करोड़ रुपये होगी।

इस तरह मुनाफे में होंगी नई निजी कंपनियां
पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को पीपीपी मॉडल में दिया जा रहा है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की पीपीए आधारित बीएसटी की दर 5.21 रुपये प्रति यूनिट है। वहीं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की बीएसटी की दर 5.45 रुपये प्रति यूनिट है। इस प्रकार दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम जहां 15910 करोड़ की बिजली खरीदेगा, वहीं पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम से 17652 करोड़ की बिजली खरीद होगी। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम (PVVNL) की बीएसटी की दर 5.65 रुपये प्रति यूनिट है और वह 24357 करोड़ की बिजली खरीदेगा। वहीं मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (MVVNL) की बीएसटी की दर 5.40 रुपये प्रति यूनिट है, जो लगभग 16435 करोड की बिजली खरीदेगा। वहीं कानपुर की केस्को (KESCo) की बीएसटी की दर 6.51 रुपये प्रति यूनिट है और वहां पर 2959 करोड़ की बिजली खरीदी जाएगी।

नई बिजली कंपनियों को बड़ा लाभ
इस तरह साफ है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम सबसे सस्ती बिजली पावर कारपोरेशन से खरीदेगा। इसी प्रकार से मध्यांचल को छोड़ दिया जाए तो दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम भी सबसे सस्ती बिजली खरीदेगा। इससे स्पष्ट है कि नई बिजली कंपनियों को बड़ा लाभ होगा, जो निजी घरानों के खाते में जाएगा। ऊर्जा संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है ​कि निजीकरण सिर्फ बड़े घरानों के लिए फायदेमंद होगा, हकीकत में उपभोक्ता इससे सीधे तौर पर प्रभावित होंगे और उनको नुकसान होगा।

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