PWD में प्रशासनिक बदलाव : संजय प्रताप सिंह बने विभागाध्यक्ष, मुकेश चंद्र शर्मा को मिली प्रमुख अभियंता पद पर प्रोन्नति

UPT | संजय प्रताप सिंह

Dec 01, 2024 23:19

उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) में प्रशासनिक स्तर पर बड़े बदलाव किए गए हैं। संजय प्रताप सिंह को प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) में प्रशासनिक स्तर पर बड़े बदलाव किए गए हैं। संजय प्रताप सिंह को प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, उन्हें प्रमुख अभियंता (परिकल्प एवं नियोजन) का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है।

संजय प्रताप सिंह को मिली अहम जिम्मेदारी
संजय प्रताप सिंह को यह नई जिम्मेदारी ऐसे समय में दी गई है जब विभाग को कुशल नेतृत्व और कार्यों में सुधार की आवश्यकता है। उनके पास विभागीय विकास कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने की जिम्मेदारी होगी। इसके पूर्व, इस पद पर योगेश पवार तैनात थे, जो 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गए। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद, विभागाध्यक्ष का पद खाली था। संजय प्रताप सिंह के अनुभव और प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। उनके नेतृत्व में विभागीय कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है। इस नियुक्ति को विभाग के प्रबंधन और संचालन में सुधार के लिए एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
  मुकेश चंद्र शर्मा को मिली प्रोन्नति
इसके साथ ही, विभाग में मुख्य अभियंता स्तर-2 (सिविल) के पद पर कार्यरत मुकेश चंद्र शर्मा को उनकी वरिष्ठता और कार्यकुशलता के आधार पर प्रमुख अभियंता पद पर नियमित प्रोन्नति दी गई है। अब वह प्रमुख अभियंता (ग्रामीण सड़क) के रूप में अपनी नई जिम्मेदारियां संभालेंगे। उनकी प्रोन्नति के साथ उन्हें वेतनमान 67,000-79,000 रुपये (पे मैट्रिक्स लेवल-15) दिया जाएगा।



शुभकामनाओं का दौर
संजय प्रताप सिंह और मुकेश चंद्र शर्मा की नई नियुक्तियों पर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें बधाई दी है। दोनों अधिकारियों की जिम्मेदारियों को लेकर विभाग में सकारात्मक माहौल है।

प्रशासनिक बदलाव से कार्यों में सुधार की उम्मीद
इन बदलावों से लोक निर्माण विभाग के कार्यों में गति और प्रशासनिक दक्षता बढ़ने की संभावना है। साथ ही, यह कदम प्रदेश में विकास परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करने और विभागीय कार्यों को पारदर्शी बनाने की दिशा में सहायक होगा।

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