स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नई उम्मीद : 18 प्रमुख शहरों में स्थापित होंगे स्ट्रीट फूड हब और साप्ताहिक हाट, 15 लाख दुकानदारों को मिलेगा लाभ

UPT | Street food

Jul 24, 2024 08:31

अगले पांच वर्षों में देश के 100 शहरों में स्ट्रीट फूड हब और साप्ताहिक हाट स्थापित किए जाएंगे। यह पहल कोविड-19 महामारी के दौरान प्रभावित हुए शहरी रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों के पुनरुत्थान के लिए...

Short Highlights
  • देश के 100 शहरों में स्ट्रीट फूड हब और साप्ताहिक हाट होंगे स्थापित
  • यूपी के 18 बड़े शहरों में सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी
  • स्ट्रीट वेंडर्स को सुरक्षित और व्यवस्थित वातावरण प्रदान किया जाएगा
Lucknow News : केंद्र सरकार ने अपने नवीनतम बजट में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है जो शहरी क्षेत्रों में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नए अवसर खोलेगी। अगले पांच वर्षों में देश के 100 शहरों में स्ट्रीट फूड हब और साप्ताहिक हाट स्थापित किए जाएंगे। यह पहल कोविड-19 महामारी के दौरान प्रभावित हुए शहरी रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों के पुनरुत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के अंतर्गत, प्रदेश के लगभग 18 बड़े शहरों में ये सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे अनुमानित 15 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ मिलने की संभावना है।

स्ट्रीट वेंडर्स को मिलेगा सुरक्षित और व्यवस्थित वातावरण
इस पहल का उद्देश्य केवल व्यापार को बढ़ावा देना ही नहीं है, बल्कि स्ट्रीट वेंडर्स को एक सुरक्षित और व्यवस्थित वातावरण प्रदान करना भी है। नियत स्थानों पर व्यापार करने की अनुमति मिलने से, वेंडर्स को अतिक्रमण के नाम पर होने वाले उत्पीड़न से मुक्ति मिलेगी। साथ ही, यह युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर भी सृजित करेगी। यह योजना पीएम स्वनिधि योजना का विस्तार है, जिसके तहत पटरी व्यवसायियों को कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाता है।

इन शहरों में होगी शुरुआत
इस योजना के लाभार्थियों में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर शामिल होंगे। लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ, वाराणसी, गाजियाबाद, प्रयागराज, बरेली, अलीगढ़, मुरादाबाद जैसे प्रमुख शहरों के साथ-साथ अन्य नगर निगम वाले शहरों में भी इस योजना का क्रियान्वयन होने की संभावना है। केंद्र सरकार राज्यों को इन हब और हाट के निर्माण के लिए अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान करेगी।

शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार
बजट में शहरी बुनियादी ढांचे के विकास पर भी ध्यान दिया गया है। देश के 100 बड़े शहरों में जलापूर्ति, सीवरेज उपचार और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। इस पहल के तहत प्रदेश के 15 से 18 बड़े शहरों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी, जो शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाएगी।

Also Read