मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके बाद निर्देश दिए थे कि छह महीने के अंदर परीक्षा का दोबारा आयोजन शुचिता एवं पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को ध्यान में रखते हुए किया जाए। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के मुताबिक इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए यह कार्यकम घोषित किया गया है।