UP Politics : विधान परिषद के 13 नवनिर्वाचित सदस्यों ने ली शपथ, सपा को मिलेगा नेता प्रतिपक्ष का पद

UPT | यूपी विधान परिषद के 13 नवनिर्वाचित सदस्य शपथ लेने के बाद

Jun 15, 2024 02:43

नवनिर्वाचित विधान परिषद सदस्यों को विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र प्रताप सिंह ने शपथ दिलाई। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य भूपेंद्र चौधरी भी मौजूद रहे।

Short Highlights
  • उच्च सदन में कांग्रेस के बाद बसपा की संख्या हुई शून्य 
  • सपा की ताकत में इजाफा, रालोद और सुभासपा का खाता खुला
Lucknow News : यूपी में लोकसभा चुनाव से पूर्व निर्वाचित हुए 13 विधान परिषद सदस्यों को शुक्रवार को सचिवालय के मुख्य भवन स्थित तिलक हॉल में शपथ दिलाई गई। नवनिर्वाचित विधान परिषद सदस्यों को विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेंद्र प्रताप सिंह ने शपथ दिलाई। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य भूपेंद्र चौधरी भी मौजूद रहे।

ये सदस्य हुए हैं निर्वाचित
उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटों पर लोकसभा चुनाव से पहले हुए चुनाव में सभी प्रत्याशी 14 मार्च को निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। इनमें भाजपा के डॉ. महेंद्र सिंह, विजय बहादुर पाठक, अशोक कटारिया, मोहित बेनीवाल, संतोष सिंह, धर्मेंद्र सिंह और रामतीरथ सिंघल शामिल हैं। वहीं अपना दल सोनेलाल के कार्यकारी अध्यक्ष एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल, राष्ट्रीय लोक दल के योगेश चौधरी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के बिच्छेलाल रामजी हैं। डॉ. महेंद्र सिंह तीसरी बार और विजय बहादुर पाठक, अशोक कटारिया व आशीष पटेल दूसरी बार सदस्य निर्वाचित हुए हैं। समाजवादी पार्टी से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली, बलराम यादव और किरणपाल कश्यप निर्वाचित हुए हैं। लोकसभा चुनाव के कारण इन सदस्यों का शपथग्रहण समारोह नहीं ​हो पाया था। अब इन्हें शपथ दिलाई गई है। नवनिर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल 6 मई से प्रभावी होगा और 5 मई 30 तक रहेगा।

विधान परिषद की बदली तस्वीर
विधान परिषद में नए सदस्यों के निर्वाचित होने के बाद सदन की तस्वीर बदल गई है। कांग्रेस के बाद बसपा का भी कोई सदस्य अब उच्च सदन में नहीं बचा है। बसपा के एक मात्र सदस्य डॉ. भीमराव आंबेडकर का कार्यकाल 5 मई को समाप्त हो गया है। वहीं विधान परिषद में भाजपा का संख्याबल कम हुआ है। उसके सदस्यों की संख्या घटकर 82 से 79 हो गई है। समाजवादी पार्टी के सदस्यों की संख्या में इजाफा हुआ है। इनकी संख्या 8 से बढ़कर 10 हो गई है। इसके साथ ही अब समाजवादी पार्टी को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी मिल जाएगी। दो वर्ष पहले सदन में कम संख्याबल के कारण उसके हाथ से ये कुर्सी चली गई थी। नेता प्रतिपक्ष के लिए किसी दल के पास सदन के 10 प्रतिशत सदस्य होना जरूरी है। इस तरह विधान सभा और विधान परिषद में समाजवादी पार्टी की ओर से नेता प्रतिपक्ष के तौर पर दो नए चेहरे देखने को मिलेंगे। अखिलेश यादव ने कन्नौज से सांसद बनने के बाद करहल विधान सभा सीट से अपना इस्तीफा दे दिया है।

दो सदस्यों की सीट रिक्त
इसके साथ ही रालोद और सुभासपा के सदस्य अब विधान परिषद में नजर आएंगे। अपना दल सोनेलाल के सदस्य की संख्या एक बनी हुई है। विधान परिषद में इस समय दो सीटें रिक्त हैं। समाजवादी पार्टी के सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद विधान परिषद में उनका पद रिक्त चल रहा है। मौर्य का कार्यकाल जुलाई 2028 था। इसके लिए चुनाव होगा। वहीं हाल में ही पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के पीलीभीत से सांसद चुने जाने के बाद उनकी सीट भी खाली हुई है। वह नामित कोटे में विधान परिषद के सदस्य थे। इसलिए सरकार की संस्तुति पर राज्यपाल की ओर से इस पर भाजपा समर्थित सदस्य का पहुंचना तय है। 

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