UP News : डिजिटल अटेंडेंस पर शिक्षक पीछे हटने को तैयार नहीं, कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद करेंगे फैसला

UPT | Digital Attendance

Jul 21, 2024 23:14

यूपी बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि डिजिटल अटेंडेंस स्थगित होने के बाद भी शिक्षक संतुष्ट नहीं हैं। इसे पूरी तरह से रद्द किए बगैर हम लोग नहीं मानेंगे।

Short Highlights
  • यूपी बीटीसी शिक्षक संघ ने की आदेश रद्द करने की मांग
  • नए सत्र में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को जल्द यूनिफार्म देने की मांग
Lucknow News : ​प्रदेश में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर सरकार के फिलहाल नरम रवैया अपनाने के बाद भी शिक्षक संगठन मामले में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि डिजिटल अटेंडेंस को चंद महीनों के लिए टालना उचित नहीं है। पहले जरूरी है कि ​शिक्षकों और कर्मचारियों की मांगों को पूरा किया जाए। जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी, तब तक शिक्षक डिजिटल अटेंडेंस का विरोध करते रहेंगे और न ही रजिस्टर को ऑनलाइन अपडेट करेंगे। उन्होंने प्रार्थना सभा की सेल्फी भेजने से भी इनकार किया। इस बीच यूपी बीटीसी शिक्षक संघ ने कहा है कि डिजिटल अटेंडेंस और प्रार्थना सभा की फोटो भेजने के मामले में शासन की गठित कमेटी की रिपोर्ट आने तक हम लोग इंतजार करेंगे। इसके आधार पर ही फैसला किया जाएगा। तब तक कोई भी शिक्षक फोटो नहीं भेजेगा और न ही डिजिटल हाजिरी लगाएगा। 

प्रार्थना सभा में शिक्षक, बच्चों के साथ सेल्फी भेजने का विरोध
संघ के राजधानी स्थित प्रांतीय कार्यालय पर रविवार को हुई बैठक में सभी ने एकजुट होकर अपनी मांगे पूरी होने तक पीछे हटने से इनकार किया।  उन्होंने कहा कि डिजिटल अटेंडेंस को तो स्थगित कर दिया गया है, लेकिन महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने प्रार्थना सभा में शिक्षक, बच्चों के साथ खुद की सेल्फी भेजने का आदेश दिया है। हम इसका विरोध करते हैं।

डिजिटल अटेंडेंस हर हाल में की जाए रद्द 
प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि डिजिटल अटेंडेंस स्थगित होने के बाद भी शिक्षक संतुष्ट नहीं हैं। इसे पूरी तरह से रद्द किए बगैर हम लोग नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही परिषदीय विद्यालयों के लाखों बच्चे हर वर्ष ड्रेस की धनराशि से वंचित हो रहे हैं। इसलिए नया नामांकन कराने वाले बच्चों को भी यह धनराशि 15 अगस्त से पहले भुगतान की जाए। इसका लाभ बच्चों को दिया जाना बेहद जरूरी है।

शत-प्रतिशत अन्तर्जनपदीय तबादले की मांग
अनिल यादव ने कहा कि आकांक्षी जनपादों से अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण नहीं के बराबर किए गए हैं। यह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि और जिस वेटेज पालिसी के तहत तबादले किए गए हैं, उससे सामान्य पुरुष और सामान्य महिला का 15 साल तक की सेवा के बाद भी स्थानांतरण संभव नहीं है। इसलिए जरूरी है कि शत-प्रतिशत अन्तर्जनपदीय तबादले किए जाएं। उन्होंने कहा कि या फिर अधिक से अधिक संख्या में बैचवार तबादले किए जाएं। तभी शिक्षकों कर्मचारियों को राहत मिल सकती है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जनपदों में पुरानी पेंशन के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों से विकल्प लिया जाना है, लेकिन जनपदों में अफसर अलग-अलग आदेश जारी कर रहे हैं। इससे शिक्षकों का शोषण हो रहा है। उन्होंने शासनादेश के मुताबिक ही पूरे प्रदेश में एक प्रारूप पर ही विकल्प लेने की मांग की।

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