भाजपा एमएलसी ने ब्यूरोक्रेसी पर उठाए सवाल : देवेंद्र सिंह बोले- 'अफसरों के पैर छूते हैं विधायक', सपा ने ली चुटकी

UPT | भाजपा एमएलसी ने ब्यूरोक्रेसी पर उठाए सवाल।

Jul 17, 2024 01:30

उत्तर प्रदेश के एमएलसी और भाजपा नेता देवेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी ही सरकार को घेरने वाला बयान दिया है। देवेंद्र सिंह ने नौकरशाही पर सवाल उठाते हुए कहा है कि विधायक अफसरों के पैर छूते हैं।

Short Highlights
  • एमएलसी ने ब्यूरोक्रेसी पर उठाए सवाल 
  • सपा ने भाजपा को घेरा
  • सीएम को लिखी चिट्ठी भी हुई थी वायरल
Lucknow News : उत्तर प्रदेश के एमएलसी और भाजपा नेता देवेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी ही सरकार को घेरने वाला बयान दिया है। देवेंद्र सिंह ने नौकरशाही पर सवाल उठाते हुए कहा है कि विधायक अफसरों के पैर छूते हैं। उन्होंने कहा कि आज की स्थिति अत्यंत भयावह है। नौकरशाह मालिक बन बैठे हैं। इस पूरे मसले पर समाजवादी पार्टी ने चुटकी ली है।

जानिए क्या बोले देवेंद्र प्रताप सिंह
एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि 'आज की स्थिति तो अत्यंत भयावह है। तमाम विधायक पंचम तल पर जाते हैं और अफसर अपना पैर छुआते हैं। अफसर विवश कर देते हैं। विधायिका की कुछ गरिमा है ना। संवैधानिक व्यवस्था है कि नौकरशाही को राजनीतिक नेतृत्व के अधीन काम करना चाहिए। राजनैतिक नेतृत्व के फैसले को कानूनीजामा पहनाना नौकरशाहों का दायित्व है। लेकिन नौकरशाह मालिक बन बैठे हैं।'

सपा ने भाजपा को घेरा
देवेंद्र सिंह के बयान के बाद सपा ने भाजपा पर निशाना साधा है। ये वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते हुए सपा ने लिखा- 'भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह लगातार ईमानदारी से योगी सरकार में व्याप्त दिक्कतों का सनसनीखेज खुलासा कर रहे। बेईमानों/भ्रष्टाचारियों को मंत्रिमंडल से हटा कर ऐसे ईमानदार लोगों को योगी जी द्वारा अपने मंत्रिमंडल में डिप्टी सीएम या किसी प्रमुख विभाग का मंत्री बनाना चाहिए। दोनों डिप्टी सीएम तो दलाली में व्यस्त हैं ,देवेंद्र प्रताप सिंह ने खुलकर विधायकों के मन की बात कही है ये स्वागत योग्य है और इन्हें तो मंत्री बनाना चाहिए।'

सीएम को लिखी चिट्ठी हुई थी वायरल
आपको बता दें कि देवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखी चिट्ठी बीते रोज वायरल हुई थी।  गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक सीट से बीजेपी के MLC देवेंद्र प्रताप सिंह ने लिखा था कि 'आपके प्रदेश के सुशासन और कानून व्यवस्था की हर जगह सराहना होती है, यहां तक कि राष्ट्र के बाहर भी आपके मॉडल की चर्चा होती है। अचानक फिर ऐसा क्या हुआ कि प्रदेश की जनता सरकार से नाराज हो गई? बढ़ते हुए जन आक्रोश को रोकने के लिए डिजिटल हाजिरी के निर्णय को वापस लेना होगा। पुरानी पेंशन देने पर विचार करने की जरूरत है।'

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