उत्तर प्रदेश से आज की सबसे बड़ी खबर : लिफ्ट एक्ट का रास्ता साफ, योगी आदित्यनाथ ने मसौदे को हरी झंडी दी, अब हादसों पर लगेगी लगाम

UP Times | एक मुलाक़ात के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जेवर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह।

Dec 25, 2023 22:47

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर, गाज़ियाबाद, लखनऊ, मेरठ और कानपुर जैसे शहरों में लगातार लिफ़्टों से जुड़े हादसे हो रहे हैं। राज्य के शहरी इलाकों में तेज़ी से लिफ्ट और एलिवेटर का उपयोग बढ़ता जा रहा है। दूसरी ओर लिफ़्ट और एस्केलेटर के रखरखाव के लिए यूपी में कोई क़ानून (UP Lift Act) नहीं है। जिसको लेकर आदित्‍यनाथ सरकार ने मसौदे को हरी झंडी दे दी है। पढ़‍िए पूरी खबर.....

Lucknow/Noida News : उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर, गाज़ियाबाद, लखनऊ, मेरठ और कानपुर जैसे शहरों में लगातार लिफ़्टों से जुड़े हादसे हो रहे हैं। राज्य के शहरी इलाकों में तेज़ी से लिफ्ट और एलिवेटर का उपयोग बढ़ता जा रहा है। दूसरी ओर लिफ़्ट और एस्केलेटर के रखरखाव के लिए यूपी में कोई क़ानून (UP Lift Act) नहीं है। क़रीब छह साल पहले योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार के पहले कार्यकाल में लिफ़्ट एक्ट का मसौदा लोक निर्माण विभाग ने तैयार किया था, लेकिन उसे अब तक क़ानून की शक्ल नहीं दी गई है। अब सोमवार को इस मसले पर बड़ी ख़बर सामने आयी है। सोमवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘उत्तर प्रदेश लेफ़्ट एंड एस्केलेटर एक्ट’ के मसौदे को मंज़ूरी दे दी है।

सीएम को ऊर्जा विभाग के अफ़सरों ने प्रजेंटेशन दिया
बहुमंज़िला इमारतों में उपयोग होने वाले लिफ्ट और एस्केलेटर से जुड़ी सुरक्षा के लिए प्रस्तावित लिफ़्ट एक्ट का रास्ता साफ़ हो गया है। सोमवार की शाम लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके आवास पर ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने इस क़ानून से जुड़ी बारीकियों पर प्रजेंटेशन दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक़ मुख्यमंत्री ने लिफ़्ट एक्ट के मसौदे को मंज़ूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में यह बिल पेश किया जाएगा। आपको बता दें कि गौतमबुद्ध नगर की ज़ेवर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह (Dhirendra Singh MLA) ने उत्तर प्रदेश में लिफ़्ट एक्ट लागू करने की मांग की थी।

गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के लाखों लोगों को मिलेगी राहत
उत्तर प्रदेश में लिफ़्ट एक्ट लागू होने के बाद सबसे बड़ा फ़ायदा गौतमबुद्ध नगर और ग़ाज़ियाबाद ज़िले के लाखों लोगों को मिलेगा। दरअसल, ग़ाज़ियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सैकड़ों हाउसिंग सोसाइटियों में हज़ारों की संख्या में लिफ़्ट लगी हुई हैं। जिनके रखरखाव और मैनेजमेंट को लेकर कोई नियम-कायदे नहीं हैं। इसी वजह से इन शहरों में लिफ़्ट से जुड़े हादसे रोज़मर्रा हो रहे हैं। बीते सप्ताह नोएडा की एक निर्माणाधीन इमारत में लिफ़्ट से जुड़ा हादसा हुआ है। जिसमें नौ लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सभी लोग अब तक अस्पताल में भर्ती हैं। इस साल गौतमबुद्ध नगर और गाज़ियाबाद में लिफ़्ट से जुड़े हादसों में 5 लोगों की मौत हुई हैं। इतना ही नहीं सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। जिसके चलते लगातार लिफ़्ट क़ानून बनाने की मांग की जा रही है।

धीरेंद्र सिंह ने विधानसभा में उठाई कानून बनाने की मांग
ज़ेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने लगातार हो रहे लिफ़्ट हादसों की तरफ उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुद्दा उठाया। लिफ़्ट क़ानून बनाने की मांग की थी। पिछले विधानसभा सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने धीरेंद्र सिंह को लिफ़्ट एक्ट पास करवाने का आश्वासन दिया था। धीरेंद्र सिंह ने बताया कि दिसंबर में एक सप्ताह के लिए विधानसभा सत्र आयोजित किया गया, लेकिन लिफ़्ट एक्ट लागू नहीं करवाया जा सका। दरअसल, यह क़ानून विधानसभा में 28वें नंबर पर पेश किया जाना था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा विभाग को आदेश दिया कि क़ानून में पर्याप्त उपबंध नहीं हैं। कानून को और मज़बूत बनाने की आवश्यकता है। लिहाज़ा, निर्णय लिया गया कि लिफ़्ट एक्ट पास करने के लिए विधानसभा में बिल अगले साल बजट सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। अब सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर लिफ़्ट एक्ट के मसौदे का बारीकी से अध्ययन किया है। ऊर्जा विभाग के अफ़सरों ने मुख्यमंत्री को प्रजेंटेशन दिया है। अब इस क़ानून की राह में कोई बाधा नहीं है। फरवरी 2024 में बजट सत्र होगा। उस दौरान यह क़ानून पास कर दिया जाएगा।

एक्ट से पहले विधेयक लागू कर सकती है योगी सरकार
राज्य सरकार के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर और ग़ाज़ियाबाद में लगातार हो रहे लिफ़्ट हादसों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद संवेदनशील हैं। लिफ़्ट एक्ट लागू करने में दो-तीन महीने का वक़्त लग सकता है। ऐसे में राज्य सरकार इस क़ानून को विधेयक के ज़रिए राज्य में तत्काल लागू करने पर विचार कर रही है। आपको बता दें कि राज्य सरकार कोई भी क़ानून विधेयक के ज़रिए छह महीने के लिए लागू कर सकती है। छह महीने पूरे होने से पहले बिल विधानसभा सत्र में पेश करके क़ानून बनाया जा सकता है। गौतमबुद्ध नगर विकास समिति की अध्यक्ष रश्मि पांडेय कहती हैं, “राज्य सरकार को संवेदनशीलता से काम करना चाहिए। गौतमबुद्ध नगर और ग़ाज़ियाबाद में लाखों परिवार हाईराइज़ बिल्डिंग में रह रहे हैं। अब इन परिवारों के लिए लिफ्ट और एलिवेटर का इस्तेमाल करना मजबूरी है। लिफ्ट आपूर्ति करने वाली कम्पनियों, लिफ़्ट लगवाने वाले बिल्डरों और प्रबंधन देखने वाले संगठनों पर कोई ज़िम्मेदारी नहीं है। हादसा होने पर सभी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। हम क़रीब एक साल से लिफ़्ट एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं। अब राज्य सरकार इस दिशा में तेज़ी से काम कर रही है। इसके लिए हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आभारी हैं। मुझे उम्मीद है कि राज्य सरकार विधेयक के ज़रिए इस क़ानून को जल्दी लागू करेगी। अगले विधानसभा सत्र में यह मुकम्मल क़ानून बन जाएगा।”
 

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