Jan 08, 2024 17:30
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परीक्षा केंद्रों पर नकल रोकने के लिए सीबीएसई एडवांस डाटा एनलिटिक्स का इस्तेमाल कर रही है। सीबीएसई के निदेशक-आइटी डॉ. अंतरिक्ष जौहरी ने बताया कि अलगोरिदम से परीक्षा में गड़बड़ी की पहचान और त्वरित कार्रवाई करते हुए भविष्य में इन्हें पूरी तरह से रोकने के उपाय किए जाएंगे।
Short Highlights
- परीक्षा केंद्रों पर नकल को रोकने के लिए आधुनिक डाटा विश्लेषण का इस्तेमाल किया जाएगा
- सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन और प्लेओवर लैब के सहयोग से सीबीएसई ने अलगोरिदम विकसित किया
Meerut News (केपी त्रिपाठी): सीबीएसई बोर्ड नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए अलगोरिदम का प्रयोग करेगी। बता दें कि सीबीएसई की ओर से नकल रोकने के लिए बाहरी आब्जर्वर, फ्लाइंग स्क्वायड और हर परीक्षा कक्ष में सीसीटीवी कैमरे का उपयोग किया जाता है। अब परीक्षा केंद्रों पर किसी भी तरह से नकल को रोकने के लिए सीबीएसई द्वारा एडवांस डाटा एनलिटिक्स यानी आधुनिक डाटा विश्लेषण का इस्तेमाल किया जाएगा। यह आधुनिक डाटा एनलिटिक्स परीक्षार्थियों व परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा में इस्तेमाल नकल की प्रवृत्ति और साधनों की उच्च संभावना का आंकलन करेगा।
पायलट प्रोजेक्ट हुआ सफल
सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन और प्लेओवर लैब के सहयोग से सीबीएसई ने एक अलगोरिदम विकसित किया है। यह अलगोरिदम विभिन्न तरह के डाटा का विश्लेषण कर परीक्षा केंद्र या एकल रूप से टेस्ट लेने वालों में संदिग्ध डाटा पैटर्न की पहचान करेगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सीबीएसई जनवरी 2021 में आयोजित सीटेट यानी केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा जनवरी-2021 में इसका सफल परीक्षण किया था। इसके रिजल्ट संतोषजनक होने के बाद अब सीबीएसई द्वारा अन्य परीक्षाओं में भी इसका इस्तेमाल शुरू किया जा रहा है।
नकलची केंद्रों को पहचान कर होंगे सुधार
इस तरह के आधुनिक विश्लेषण से सीबीएसई द्वारा उन परीक्षा केंद्रों की पहचान होगी, जहां डाटा परीक्षा में कदाचार की मौजूदगी इंगित हो। इसमें परीक्षा के आयोजन और स्कूल से संबंधित तरह-तरह का डाटा शामिल किया जाएगा जिसके जरिए संबंधित परीक्षा केंद्रों की प्रवृत्ति का पता चलेगा। इसके बाद सीबीएसई परीक्षा आयोजन की विश्वसनीयता को बढ़ाने व बरकरार रखने के लिए सुधारात्मक कदम उठाएगा और भविष्य में इस तरह के कदाचार को रोकेगा।
अब इस एडवांस डाटा एनलिटिक्स का इस्तेमाल हर तरह की एकेडमिक टेस्टिंग में होगा। इससे परीक्षा में गड़बड़ी की पहचान और त्वरित कार्रवाई करते हुए भविष्य में इन्हें पूरी तरह से रोकने के उपाय किए जाएंगे। इसका इस्तेमाल अब 12 नवंबर को हुए नेशनल अचीवमेंट सर्वे यानी राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण-2021 के परीक्षा परिणाम विश्लेषण में भी होगा। -डॉ. अंतरिक्ष जौहरी, आइटी निदेशक, सीबीएसई
परफेक्शन की ओर बढ़ते कदम
सहोदय कांप्लेयक्सल सचिव राहुल केसरवानी के अनुसार सीबीएसई का यह कदम सौ प्रतिशत परफेक्शन की ओर ले जाएगा। इससे नकल की प्रवृत्ति रुकेगी और शिक्षा व शिक्षण का स्तर बढ़ेगा। बच्चे व स्कूल शार्टकट से बचेंगे।