दो बच्चों की मौत से मातम : ग्रेटर नोएडा में गमगीन माहौल में सुपुर्द ए खाक, नाना बोले- जिंदगी भर रहेगा अफसोस

UPT | निर्माणाधीन मकान की दीवार और छत गिरी

Jun 30, 2024 16:21

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के खोदना कलां (बड़ा खोदना) गांव में निर्माणाधीन मकान में दीवार और छत गिरने से तीन मासूमों की मौत हो गई और पांच बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए थे।

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा वेस्ट के खोदना कलां (बड़ा खोदना) गांव में निर्माणाधीन मकान में दीवार और छत गिरने से तीन मासूमों की मौत हो गई और पांच बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए थे। शुक्रवार रात को हुई इस घटना के बाद से अभी तक गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। आसपास के गांवों में भी यह दुखद हादसा लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग पीड़ित के घर पहुंचकर उन्हें सांत्वना दे रहे हैं। 

दिल्ली के मुस्तफाबाद से पहुंचे थे बच्चे 
हादसे में मरने वाले दो बच्चे अहद ( 4 वर्ष) और अलफिजा उर्फ अलफिदा ( 2वर्ष) अपनी मां शबनम के साथ दो घंटे पहले ही दिल्ली के मुस्तफाबाद स्थित दादी के घर से नानी के घर खोदना कलां पहुंचे थे। जबकि मृतक आदिल (आठ वर्ष) की मां निसार एक सप्ताह पहले ही मायके आई थी और शुक्रवार को उसे वापस ससुराल जाना था। पीड़िता के चचेरे भाई आबिद ने बताया कि निसार ने उसके पति शेर खान को भी ससुराल वापस जाने के लिए फोन किया था। पति रास्ते में ही था, तभी उसे सूचना मिली कि चचेरी बहन शबनम अपने मायके आ रही है। निसार भी शबनम से मिलने के लिए रुक गया। अभी दो घंटे ही बीते थे कि मकान ढह गया और अहद, अलफिजा और आदिल समेत आठ बच्चे दब गए।

तीनों बच्चों को गमगीन माहौल में दफनाया गया
इस घटना में अहद, अलफिजा और आदिल की मौत हो गई। घटना के परिजनों में चीख-पुकार मची हुई है। शनिवार को गमगीन माहौल में तीनों बच्चों को सुपुर्द ए खाक कर दिया। इस दौरान आसपास के गांव के लोग भी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि इस दौरान पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे। 

कम बजट में मकान बनाना पड़ा भारी 
बताया जा रहा है कि मकान के निर्माण में लापरवाही बरती गई। महज चार इंच चौड़ी दीवार पर दो मंजिला मकान बन रहा था। दीवार में पिलर भी नहीं लगाए गए थे। छत पर लगे गार्डर पर लिंटल की जगह पत्थर से प्लास्टर कर दिया गया था। इससे मकान में मजबूती नहीं थी।
मृतक बच्चों की मां शबनम के पिता सगीर अपना मकान बनवा रहे थे।  कम बजट में मकान बन जाए, इसके लिए परिवार के लोग मजदूरी करते थे। बच्चों के नाना इस हादसे से काफी टूट गए हैं, उन्होंने दुखी होकर कहा कि बच्चों की मौत का जिंदगी भर अफसोस रहेगा। 

सीढ़ियां तोड़ते समय आई दरारें और ढह गया मकान 
ऊपर बने कमरों के लिए सीढ़ियां भी बनाई गई थीं, लेकिन सगीर को सीढ़ियों को लेकर कुछ संदेह था। उसने सीढ़ियों को तोड़कर दोबारा बनाना ही बेहतर समझा। ग्रामीणों ने बताया कि कंक्रीट तोड़ने वाले हथौड़े (लिंटल तोड़ने वाली मशीन) और हथौड़े की मदद से सीढ़ियों के लिंटल को तोड़ा जा रहा था। ग्रामीणों का दावा है कि सीढ़ियां तोड़ते समय दरारें आ गईं और मकान ढह गया।

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