नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट : काम ने पकड़ी रफ्तार, दोगुना हुए कर्मचारी, अब सीईओ ने खुद संभाली कमान

UPT | नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट

Jul 02, 2024 20:27

उत्तर प्रदेश के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण कार्य में तेजी आई है। यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर ने आज 'Uttar Pradesh Times' से इस परियोजना से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की...

Noida News : उत्तर प्रदेश के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण कार्य में तेजी आई है। यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर ने आज 'Uttar Pradesh Times' से इस परियोजना से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की हैं। काम पिछड़ने के कारण तीन महीने का ग्रेस पीरियड कंपनी को दिया गया है। अब सीईओ ने कमान खुद संभाल ली है। निर्माण से जुड़े कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी कर दी गई है।



एयरपोर्ट निर्माण से जुड़े 9 बड़े फैसले
  • दैनिक निगरानी : डॉ. अरुण वीर ने घोषणा की कि वे अब रोजाना निर्माण स्थल का दौरा करेंगे, जिससे कार्य की गति और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
  • ट्रायल उड़ानें : सीईओ ने बताया कि अब अक्टूबर-नवंबर में ट्रायल उड़ानें शुरू होने की संभावना है।
  • एयरोब्रिज : पांच एयरोब्रिज पहले ही तैयार हो चुके हैं, जो एयरपोर्ट के निर्माण की तत्परता दर्शाता है।
  • घरेलू उड़ानें : दिसंबर से घरेलू उड़ानें शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। सबसे पहले इंडिगो की उड़ानें शुरू होंगी।
  • निर्माण सामग्री : पैसेंजर टर्मिनल के लिए आवश्यक विशेष स्टील, जो पहले बेलारूस से मंगवाई जानी थी, अब छत्तीसगढ़ से प्राप्त की जा रही है।
  • डीजीसीए मंजूरी : नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने आवश्यक अनुमतियां प्रदान कर दी हैं।
  • रनवे सुधार : नवंबर-दिसंबर तक रनवे पर कैट थ्री रिफ्लेक्टर्स स्थापित किए जाएंगे। अभी तक कैट वन रिफ्लेक्टर्स लगे हैं।
  • कार्यबल वृद्धि : निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए कर्मचारियों की संख्या दोगुनी कर दी गई है, जो अब 1500 तक पहुंच गई है।
  • उच्च स्तरीय निरीक्षण : उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह 15 जुलाई को परियोजना स्थल का दौरा करेंगे।
पूरे उत्तर भारत के लिए एक गेम-चेंजर
डॉ. अरुणवीर ने कहा, "यह एयरपोर्ट न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा। हम समय सीमा के भीतर इसे पूरा करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।" यह एयरपोर्ट, जो एशिया का दूसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा, क्षेत्र में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का एक बड़ा स्रोत बनने की उम्मीद है। स्थानीय निवासी और व्यापारी इस परियोजना को लेकर उत्साहित हैं।

"निर्माण पूरा होने का बेसब्री से इंतजार"
ग्रेटर नोएडा के एक व्यापारी राजेश गुप्ता ने कहा, "यह एयरपोर्ट हमारे क्षेत्र को वैश्विक मानचित्र पर लाएगा। हम इसके पूरा होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।" परियोजना की प्रगति पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि यदि काम इसी गति से चलता रहा, तो नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्धारित समय पर यात्रियों के लिए तैयार हो जाएगा। यह न केवल यात्रियों के लिए एक नया विकल्प होगा, बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक नए युग की शुरुआत होगी।

मील का पत्थर साबित होगा एयरपोर्ट
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे जेवर हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में स्थित एक निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह परियोजना भारत के विमानन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने वाली है।
  1. स्थान और महत्व : यह हवाई अड्डा दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र का दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के यात्री दबाव को कम करने में मदद करेगा।
  2. क्षमता : पूर्ण विकसित होने पर, यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा, जो प्रति वर्ष लगभग 70 मिलियन यात्रियों को संभाल सकेगा।
  3. आर्थिक प्रभाव : इस परियोजना से क्षेत्र में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
  4. पर्यावरण अनुकूल : हवाई अड्डे को पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन किया जा रहा है, जिसमें सौर ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग शामिल है।
  5. कनेक्टिविटी : यह हवाई अड्डा सड़क और रेल मार्गों से अच्छी तरह जुड़ा होगा, जिससे यात्रियों को आसान पहुंच मिलेगी।
  6. अत्याधुनिक सुविधाएं : इसमें आधुनिक यात्री टर्मिनल, कार्गो सुविधाएँ, और उन्नत एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम शामिल होंगे।
  7. विकास चरण : परियोजना को कई चरणों में विकसित किया जा रहा है, जिसका पहला चरण 2024 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
  8. निवेश : यह एक बड़ी निवेश परियोजना है, जिसमें सरकारी और निजी क्षेत्र की भागीदारी शामिल है।
  9. अंतरराष्ट्रीय मानक : हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप डिजाइन और निर्मित किया जा रहा है।
  10. भविष्य की योजनाएं : भविष्य में इसे एयरोट्रोपोलिस (हवाई शहर) में विकसित करने की योजना है, जिसमें व्यावसायिक केंद्र, होटल, और अन्य सुविधाएं शामिल होंगी।
बढ़ती विमानन जरूरतों को पूरा करेगा
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना है। यह देश की बढ़ती विमानन जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा और क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान देगा। इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन से भारत के विमानन क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होगी।

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