पोस्टमार्टम हाउस में रो रही इंसानियत : मरने के बाद इंसानी जिस्म की बेकद्री देखकर दिल दहल जाएगा

UPT | पोस्टमार्टम हाउस।

Jun 22, 2024 10:51

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अस्पताल में रोजाना दर्जनों डेड बॉडी आई। जिसके चलते महज तीन दिन में पोस्टमार्टम हाउस में करीब 65 शव पहुंचे। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पिछले दिनों जो ब्रॉड डेड के मामले आए ...

Noida News : नोएडा सेक्टर-94 का पोस्टमार्टम हाउस में चारों तरफ लाशें पड़ी हैं। मरने के बाद इंसानी जिस्म की बेकद्री देखकर दिल दहल जाएगा। इंसानियत रो रही है। आवारा कुत्ते ताक में घूम रहे हैं और जिम्मेदार एसी कमरों में बैठकर सोशल मीडिया पर तमाशा देख रहे हैं। लाशों की बेकद्री ने इंसानियत के पतन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जानकार बताते हैं कि चार से अधिक शवों को ठीक से रखने की व्यवस्था यहां नहीं है। लाशें बिखरी हैं। कहीं फर्श पर तो कहीं बरामदे में। खून बिखरा पड़ा है।

तीन दिनों में 75 शव पहुंचे पोस्टमार्टम हाउस
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अस्पताल में रोजाना दर्जनों डेड बॉडी आई। जिसके चलते महज तीन दिन में पोस्टमार्टम हाउस में करीब 65 शव पहुंचे। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पिछले दिनों जो ब्रॉड डेड के मामले आए उनमें से किसी की भी मौत हिट स्ट्रोक या लू नहीं हुई। दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ नोएडा में भी गर्मी का कहर देखने को मिल रहा है। 
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर लाशों का वीडियो वायरल
बीते दो दिन में पोस्टमार्टम हाउस में आम दिनों की तुलना में तीन गुना अधिक शव पहुंचे हैं। जिसके कारण बड़ी मुश्किल से शवों को अंदर रखा गया। भीषण गर्मी और लू के प्रकोप को देखते मरने वालों की संख्या में वृद्धि होने की आशंका जताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक 18 जून को 28, 19 जून को 25 और 20 जून को 22 बॉडी पोस्टमार्टम के लिए पहुंची। इनमें 10 लावारिस शव बताए गए हैं।

अधूरे इंतजामों की पोल खुली
शवों को रखने के लिए डीप फ्रीजर तक का इंतजाम नहीं है। कोल्ड रूम भी मौजूद नहीं है। ऐसे में शवों को खुले में ही छोड़ना पड़ा। पिछले दिनों पोस्टमार्टम हाउस में शव रखने की अव्यवस्था पर सवाल उठने के बाद चार में से एक डीप फ्रीजर को ठीक करा दिया गया था। इससे चार शव रखने की व्यवस्था ही हो पाई थी। जबकि आपदा प्रबंधन के नियमों के तहत यहां न्यूनतम 20 शव रखने की व्यवस्था होनी चाहिए।

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शहर में पिछले तीन दिन में सेक्टर 94 अंतिम निवास में आने वाले शवों की संख्या बढ़ी है। अंतिम संस्कार के लिए प्लेटफार्म नहीं मिल पा रहे हैं। स्वजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी अज्ञात शव के कारण है। @dmgbnagar @noida_authority pic.twitter.com/e76Rr2S6aR

— Mohd Bilal | ↕️ (@BilalBiswani) June 21, 2024
क्या कहते हैं जिम्मेदार
सीएमओ का कहना है कि शवों की संख्या में वृद्धि हुई है, और यह वृद्धि काफी अप्रत्याशित है। पहले 7-8 केस आते थे। फिर आकड़ों के आधार पर सीएमओ ने समझाते हुए कहा कि 18 तारीख को हमारे पास 28 शव पोस्टमार्टम के लिए आए और फिर 19 तारीख को 25 बॉडी आई।  वहीं, डिप्टी सीएमओ डॉ. जैसलाल का कहना है कि पोस्टमार्टम के लिए शव अचानक से बढ़े हैं। पोस्टमार्टम हाउस पर डीप फ्रीजर की क्षमता बढ़ाने के लिए बजट अनुमति मिल गई है। जल्दी ही 14 शव रखने की व्यवस्था हो जाएगी।

कोरोना काल जैसे हालात
नोएडा के सेक्टर-94 स्थित पोस्टमार्टम हाउस में स्थिति बेहद चिंताजनक है। यहां पर शवों की संख्या इतनी अधिक है कि कोरोना महामारी के दौरान जैसे हालात पैदा हो गए हैं। सबसे बड़ी समस्या यह है कि पोस्टमार्टम हाउस में शवों को संरक्षित रखने के लिए पर्याप्त डीप फ्रीजर नहीं हैं। इस कारण शवों का उचित प्रबंधन करना एक बड़ी चुनौती बन गया है।


परिजनों की लंबी कतारें
पोस्टमार्टम हाउस और शमशान घाट पर मृतकों के परिजनों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। लोग घंटों अपनी बारी का इंतजार करते हुए बाहर बैठे दिखाई दे रहे हैं। यह दृश्य शहर की वर्तमान स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। इस स्थिति के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ये स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के मुंह पर तो तमाचा है ही, उन संस्थाओं पर भी सवाल खड़े करता है जो साल भर जनकल्याण का ढिंढोरा पीटते हैं।

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