Ghaziabad News : शेयर ट्रेडिंग के नाम पर दुबई-यूएई के ठग लोगों को कर रहे डिजिटल अरेस्ट

UPT | गाजियाबाद में सबसे अधिक लोग शेयर टेडिंग के नाम पर ठगे जा रहे

Jun 26, 2024 13:52

कुछ महीनों में ही 30 मामले डिजिटल अरेस्ट के हैं। इनमें से सबसे अधिक 25 मामलों में घर बैठे कमाई का झांसा देकर लूट का शिकार बनाया गया है। इनमें लाइक और कमेंट करने पर पैसा देने का झांसा दिया जाता है और फिर धोखे से रकम खाते में जमा करा ली जाती है।

Short Highlights
  • गाजियाबाद में 60 फीसदी लूट शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 
  • दूसरे नंबर पर  डिजीटल अरेस्ट के मामले 
  • लाइक और कमेंट का झांसा देकर ठगे जा रहे लोग
     
Ghaziabad News : गाजियाबाद में सबसे अधिक लोग शेयर टेडिंग के नाम पर ठगे जा रहे हैं। साइबर ठगी के सभी मामलों में 60 फीसदी शेयर ट्रेडिंग के मामले हैं। जिले के साइबर थाने में दर्ज 173 मामलों में से 100 मामले शेयर ट्रेडिंग के नाम पर हैं। शेयर टेडिंग के नाम पर लोगों से 50 करोड़ से अधिक की ठगी की जा चुकी है। इनमें से अधिक ठग दुबई, यूएई से यह काम कर रहे हैं। 

शेयर ट्रेडिंग और उसके बाद डिजिटल अरेस्ट करके रकम वसूलने का मामला
पहले नंबर पर शेयर ट्रेडिंग और उसके बाद डिजिटल अरेस्ट करके रकम वसूलने का मामला है। पिछले कुछ महीनों में ही 30 मामले डिजिटल अरेस्ट के हैं। इनमें से सबसे अधिक 25 मामलों में घर बैठे कमाई का झांसा देकर लूट का शिकार बनाया गया है। इनमें लाइक और कमेंट करने पर पैसा देने का झांसा दिया जाता है और फिर धोखे से रकम खाते में जमा करा ली जाती है। पिछले साल लोन एप के ठगी के मामले अधिक थे लेकिन इस वर्ष यह मामले पिछले वर्ष की तुलना में कम हैं। 

साफ्टवेयर इंजीनियर से ठगे 40 लाख 
साहिबाबाद के सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पास व्हाट्सएप मैसेज जिसमें निशुल्क शेयर ट्रेडिंग सीखने का लालच दिया गया था। उसने लिंक पर क्लिक किया जिसके बाद उसे टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ लिया गया। तीन दिन प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद मोटे मुनाफे का लालच देकर निवेश कराया गया। पहले दो लाख फिर पांच लाख वसूले गए और एक महीने में 40 लाख जमा करा लिए गए। डिजिटल वॉलेट में मुनाफा मिलाकर एक करोड़ रुपया दिखा दिया गया। जब इसे निकाल नहीं पाए तब ठगी का अहसास हुआ है। 

विदेशों से चल रहा गिरोह 
शेयर ट्रेडिंग और डिजिटल अरेस्ट करने वाले अधिकतर गिरोह दुबई, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कंबोडिया और थाईलैंड से अपना चला रहे हैं। यह पुलिस के जांच के दौरान उनके लोकेशन से पता चला है। यह लोग भारत के सिम और बैंक खाते का ही इस्तेमाल करते हैं।

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