शनि जब राशि परिवर्तन करते हैं या अपनी चाल बदलते हैं तो इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है।
Short Highlights
एक राशि में ढाई साल तक रहने के बाद दूसरी राशि में होता है गोचर
शनि के राशि परिवर्तन का सभी राशियों पर पड़ता है प्रभाव
शनि अभी अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान हैं
Shani Margi : ग्रहों में शनिदेव सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। शनि एक राशि में ढाई साल रहते हैं। इसके बाद शनि राशि में गोचर करते हैं। शनि अपनी राशि परिवर्तन करने के साथ मार्गी और वक्री भी होते हैं। शनि जब राशि परिवर्तन करते हैं या अपनी चाल बदलते हैं तो इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है।
शनिदेव को कर्मफलदाता और न्याय के देवता
शनिदेव को कर्मफलदाता और न्याय के देवता माना जाता हैं। अभी शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में हैं। जून माह से शनिदेव वक्री अवस्था में हैं जो दिवाली के बाद मार्गी होंगे। शनि के मार्गी होने से कुछ राशि पर विशेष कृपा होगी। शनिदेव की जिन राशियों पर कृपा होगी उन राशियों के लिए ये काफी लाभदायक सिद्ध होगा।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए दीवाली के बाद शनि का मार्गी होना लाभदायक साबित होगा। शनिदेव मिथुन राशि से नौवें भाव में मार्गी होंगे। ऐसे में मिथुन राशि वालों के लिए भाग्य का पूरा साथ होगा। इस राशि के लोगों को धन लाभ के अवसरों प्राप्त होंगे। शुभ परिणामों की प्राप्ति होगी। अचानक धन लाभ का योग है। नौकरी पेशा जातकों को अच्छे अवसर मिलेंगे। जो लोग व्यापार आदि में हैं उन्हें अच्छी डील प्राप्त होगी।
वृश्चिक राशि
शनि देव का वक्री होना वृश्चिक राशि के लिए अच्छा होगा। शनिदेव राशि से चौथे भाव में मार्गी होंगे। जो इस राशि के जातकों के लिए सुख-सुविधाओं में वृद्धि वाले होंगे। मकान, वाहन, सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा शनिदेव की द्दष्टि कुंडली के 10वें भाव पर है। जिससे नौकरी के लिए आने वाला समय अच्छा है।
मकर राशि
मकर राशि के स्वामी ग्रह ही शनिदेव हैं। शनि का मार्गी होना बहुत शुभ लाभदायक होगा। शनिदेव मकर की कुंडली के दूसरे भाव में मार्गी हैं। कुंडली का दूसरा भाव धन का होता है। ऐसे में धन लाभ के अवसरों में वृद्धि होगी। मकर राशि के जातकों के मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी। इनके नया काम आसान होंगे।