Mirzapur News : पुत्र की प्राप्ति और दीर्घायु के लिए महिलाएं रखती हैं ललही छठ का व्रत, जानें विधान...

UPT | पूजन करतीं ललही छठ का व्रत करने वाली महिलाएं।

Aug 24, 2024 17:11

ललही छठ का पूजन विधि कठिन है। इस व्रत में महिलाएं महुआ के दातुन से दांत साफ करती हैं। पूजा में शाम के समय महिलाएं समूह में बैठकर हरछ्ठ मिट्टी की बेदी बनाती हैं। ललही छठ पूजा हरछठ पूजा में झरबेरी, कुश और पलास तीनों की...

Mirzapur News : ललही छठ पूजन करने के लिए माताएं जगह समूह बनाकर पूजा करती हैं और पूजा के बाद कथा करती हैं। यह व्रत माताएं अपने पुत्र की दीर्घायु जीवन के लिए करतीं हैं। पुत्र प्राप्ति के लिए महिलाएं विशेष रूप से ललही छठ का व्रत और पूजा करती हैं। प्रत्येक वर्ष माताएं बहनें हलषष्ठी, हरछठ या ललही छठ का त्योहार मनाया करती हैं। यह भादो मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। इसी दिन श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का भी जन्म हुआ था। पूर्वांचल में इस त्योहार को ललही छठ के नाम से लोग जानते हैं।

ये है पूजन की विधि
ललही छठ का पूजन विधि कठिन है। इस व्रत में महिलाएं महुआ के दातुन से दांत साफ करती हैं। पूजा में शाम के समय महिलाएं समूह में बैठकर हरछ्ठ मिट्टी की बेदी बनाती हैं। ललही छठ पूजा हरछठ पूजा में झरबेरी, कुश और पलास तीनों की एक-एक डालियां एक साथ बांधी जाती है। पूजा स्थल के जमीन को मिट्टी से लिपाई कर वहां पर चौक बनाया जाता है। ललही छठ हरछ्ठ को वहीं पर लगाकर सबसे पहले कच्चे जनेउ का सूत ललही हरछठ को पहनाया जाता है। फल फूल आदि का प्रसाद चढ़ाने के बाद महिलाएं कथा सुनती हैं।

दाऊ जी का जन्मोत्सव 
पूजन के बाद महिलाएं बलराम दाऊ जी का जन्मोत्सव मनाती हैं। ललही छठ पूजा के दिन  खेत में उगे हुए या जोतकर उगाए गए अनाजों और सब्जियों का सेवन नहीं किया जाता। हल बलराम दाऊ जी का मुख्य अस्त्र है। आज के दिन गाय का दूध, दही, घी या इन चीजों से बनी वस्तु को खाने की मनाही है। महिलाएं इस दिन तालाब में उगे पसही/तिन्नी का चावल/पचहर के चावल को खाकर व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं भैंस का दूध, घी व दही इस्तेमाल करती हैं।

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