मुरादाबाद का भविष्य उज्ज्वल : महायोजना 2031 लाएगी नई क्रांति, पीतल नगरी बनेगी आधुनिक हब

UPT | मुरादाबाद महायोजना 2031

Jun 21, 2024 17:30

योगी सरकार ने मुरादाबाद के लिए एक बड़ी योजना बनाई है, जिसे "महायोजना 2031" कहा जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मुरादाबाद को आत्मनिर्भर और विकसित शहर बनाना।

Moradabad News : योगी सरकार ने मुरादाबाद के लिए एक बड़ी योजना बनाई है, जिसे "महायोजना 2031" कहा जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मुरादाबाद को आत्मनिर्भर और विकसित शहर बनाना है। मुरादाबाद पीतल के सामान के लिए मशहूर है, इसलिए इस योजना में पीतल उद्योग पर खास ध्यान दिया गया है। शहर का विस्तार और पीतल के सामान बनाने और बाहर बेचने के काम को बढ़ाया दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि मुरादाबाद एक बड़ा आर्थिक केंद्र बने। इसके लिए पीतल के कारीगरों के लिए एक खास गांव बनाया जाएगा और छोटे-बड़े उद्योगों के लिए नए पार्क बनाए जाएंगे। यह सब मुरादाबाद को एक समृद्ध और विकसित शहर बनाने के लिए किया जा रहा है।

भविष्य के विकास की रूपरेखा तैयार
मुरादाबाद की "महायोजना 2031" में शहर के भविष्य के विकास की रूपरेखा तैयार की गई है। इस योजना के अनुसार, मुरादाबाद की आबादी जो अभी 13 लाख से ज्यादा है, 2031 तक बढ़कर लगभग 16.5 लाख हो जाएगी। इस बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। शहर की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जाएगा। सामाजिक और सांस्कृतिक सुविधाओं का विकास और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाया जाएगा। साथ ही, पर्यावरण की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाएगा। ट्रैफिक की समस्या को हल करने के लिए एक 60 मीटर चौड़ी रिंग रोड बनाई जाएगी। इसके अलावा, शहर के बाहरी इलाकों को अंदरूनी औद्योगिक क्षेत्रों से जोड़ने के लिए 36 मीटर चौड़ा एक औद्योगिक गलियारा भी बनाया जाएगा। इन सभी प्रयासों का उद्देश्य मुरादाबाद को एक सुव्यवस्थित और विकसित शहर बनाना है।



महायोजना 2031 के बड़े प्रोजेक्ट्स
मुरादाबाद के विकास के लिए बनाई गई "महायोजना 2031" में कई बड़े प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। इनमें हस्तशिल्प गाव, बड़ा उद्योग पार्क, लॉजिस्टिक पार्क, ज्ञान शहर और मेडिकल सिटी बनाने की योजना है। साथ ही, 55 एकड़ में एक नया राज्य विश्वविद्यालय भी बनाया जाएगा। कौशल विकास केंद्र, व्यापारियों के लिए सभागार और एक बड़ा 'शिवालिक' टाउनशिप भी बनाने की योजना है। इसके अलावा, खेल शहर, आयुष पार्क, गन्ना प्रोसेसिंग केंद्र, पशु कॉलोनी, मछली बाजार और ट्रांसपोर्ट नगर भी बनाए जाएंगे। इन सभी योजनाओं को पूरा करने के लिए अलग-अलग समय सीमा तय की गई है। कुछ योजनाएं जल्दी पूरी होंगी, कुछ को थोड़ा समय लगेगा और कुछ लंबे समय में पूरी होंगी। इन सभी योजनाओं पर कुल मिलाकर लगभग 41,793 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह सब मुरादाबाद को एक आधुनिक और विकसित शहर बनाने के लिए किया जा रहा है।

मुरादाबाद के पीतल के सामान दुनियाभर में पसंद
मुरादाबाद एक खास शहर है, जो पीतल के सामान बनाने के लिए मशहूर है। इसीलिए इसे 'पीतल नगरी' भी कहा जाता है। यहां बने पीतल के सामान बहुत खूबसूरत होते हैं। इन पर अलग-अलग तरह के डिजाइन बनाए जाते हैं, जो भारत की संस्कृति, इतिहास और विविधता को दिखाते हैं। कुछ डिजाइन हिंदू देवी-देवताओं से प्रेरित होते हैं, तो कुछ मुगल काल की पेंटिंग से। इन सुंदर डिजाइनों की वजह से मुरादाबाद के पीतल के सामान दुनिया भर में पसंद किए जाते हैं और बेचे जाते हैं। इस तरह, मुरादाबाद अपने पीतल के काम से पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाए हुए है।

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