1 नवंबर से बदलेंगे Airtel, Jio, Vi और BSNL के नियम : लागू होगी मैसेज ट्रेसेबिलिटी की सुविधा, TRAI के नए निर्देश से बढ़ेगी सुरक्षा

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Oct 25, 2024 14:11

1 नवंबर 2024 से देश में Airtel, Jio, Vi और BSNL जैसे सभी टेलिकॉम ऑपरेटरों के नियमों में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं।

New Delhi : 1 नवंबर 2024 से देश में Airtel, Jio, Vi और BSNL जैसे सभी टेलिकॉम ऑपरेटरों के नियमों में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सभी टेलिकॉम कंपनियों को निर्देशित किया है कि वे मैसेज ट्रेसेबिलिटी की सुविधा लागू करें। इस नए नियम के बाद टेलिकॉम ऑपरेटरों को ग्राहकों को भेजे जाने वाले सभी संदेशों की निगरानी करने की आवश्यकता होगी, जिससे अवांछित और धोखाधड़ी वाले संदेशों पर नियंत्रण पाना आसान होगा। 

क्या है मैसेज ट्रेसेबिलिटी?
मैसेज ट्रेसेबिलिटी का मुख्य उद्देश्य यूजर्स को अनवांटेड कॉल और मैसेज से बचाना है। नए नियम के तहत सभी प्रकार के मैसेज की जांच की जाएगी। खासकर टेलीमार्केटिंग और प्रमोशनल मैसेज की पहचान करना अब आसान होगा, जिससे यूजर्स को अनचाहे कॉल्स और मैसेज को ब्लॉक करने का विकल्प भी मिलेगा। 

धोखाधड़ी और अवांछित संदेशों पर नियंत्रण
अगस्त 2024 में, TRAI ने टेलिकॉम कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे बैंकों, ई-कॉमर्स साइटों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा भेजे गए संदेशों का विश्लेषण करें और यदि वे टेलीमार्केटिंग या प्रमोशनल उद्देश्यों से संबंधित हैं, तो उन्हें ब्लॉक किया जाए। TRAI ने सभी टेलीमार्केटिंग मैसेज के लिए एक मानक प्रारूप का पालन करने को कहा है, जिससे प्रमोशनल मैसेज को आसानी से पहचाना जा सके और इससे धोखाधड़ी का खतरा भी कम हो सके। 



मैसेज ट्रेसेबिलिटी के उद्देश्य
TRAI का यह कदम तेजी से बढ़ती ऑनलाइन धोखाधड़ी को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसका उद्देश्य भारत में उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित संचार सुविधा प्रदान करना है। हालांकि, इसके कारण कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं, जैसे बैंकिंग मैसेज और ओटीपी में संभावित देरी, जो डिजिटल भुगतान प्रक्रिया को बाधित कर सकती है। टेलिकॉम ऑपरेटरों ने इस नई प्रणाली को लागू करने के लिए आवश्यक तैयारियाँ शुरू कर दी हैं और 1 नवंबर 2024 तक इसे प्रभावी बनाने की तैयारी में हैं।

संदेशों की निगरानी और सुरक्षा
भारत में वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 1.5 से 1.7 बिलियन कमर्शियल मैसेज भेजे जाते हैं। TRAI के इस फैसले से अब हर संदेश पर निगरानी रहेगी और यदि कोई संदेश संदिग्ध पाया जाता है तो उसे तुरंत ब्लॉक किया जाएगा। टेलिकॉम कंपनियों का मानना है कि इससे यूजर्स को एक सुरक्षित और अवांछित संदेशों से मुक्त संचार अनुभव मिलेगा। 

COAI ने मांगा दो महीने का समय
सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) जिसमें जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसी प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं, ने TRAI से संदेश ट्रेसेबिलिटी नियम को लागू करने के लिए दो महीने का अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया है। COAI का कहना है कि इतने बड़े बदलाव को समय पर लागू करना चुनौतीपूर्ण है और इसके लिए और समय चाहिए। 

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