यूजीसी का बड़ा फैसला : 2 साल में पूरी हो सकेगी ग्रेजुएशन, डिग्री कोर्स में ले सकेंगे ब्रेक, जानें और क्या सुविधाएं

UPT | UGC

Nov 15, 2024 18:36

ग्रेजुएशन करने वाले स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खबर सामने आई है। यूजीसी ने तय किया है कि अब स्टूडेंट्स अगले एकेडमिक ईयर से अपनी ग्रेजुएशन डिग्री के कोर्स की अवधि को घटा या बढ़ा सकेंगे...

New Delhi : ग्रेजुएशन करने वाले स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खबर सामने आई है। यूजीसी ने तय किया है कि अब स्टूडेंट्स अगले एकेडमिक ईयर से अपनी ग्रेजुएशन डिग्री के कोर्स की अवधि को घटा या बढ़ा सकेंगे। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) 2025-26 एकेडमिक ईयर से एक नए फ्लेक्सिबल अप्रोच पर काम कर रहा है, जिसके तहत स्टूडेंट्स को अपनी ग्रेजुएशन डिग्री को 3 से 4 साल की बजाय दो से ढाई साल में पूरा करने का विकल्प मिलेगा। इस बदलाव का उद्देश्य विद्यार्थियों को अधिक लचीलापन प्रदान करना है, ताकि वे अपनी सुविधा और जरूरतों के अनुसार कोर्स की अवधि तय कर सकें।

चेयरमैन ने दी जानकारी
UGC चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने गुरुवार को आईआईटी मद्रास के एक कार्यक्रम में यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि ग्रेजुएशन कोर्स की अवधि को लचीला बनाने की इस नई पॉलिसी का सुझाव आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर वी. कामाकोटी ने दिया था। इस पर UGC लंबे समय से काम कर रहा है। आइये जानते हैं कि कोर्स ड्यूरेशन में क्या-क्या बदलाव आ सकते हैं।



सवाल: किन छात्रों को लाभ होगा?
जवाब: यह पॉलिसी सभी विषयों में ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों के लिए लाभकारी होगी।  

सवाल: क्या विकल्प उपलब्ध होंगे?
जवाब: छात्र अपनी ग्रेजुएशन डिग्री, जो आमतौर पर 3-4 साल में पूरी होती है, को 2-2.5 साल में पूरा कर सकते हैं। वहीं, जिन छात्रों को अधिक समय की जरूरत होगी, वे इसे 5 साल तक बढ़ा सकते हैं।  

सवाल: UGC इस पैटर्न पर क्यों विचार कर रहा है?
जवाब: UGC के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य उच्च शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला और सुलभ बनाना है ताकि अधिक से अधिक छात्र इससे जुड़ सकें।  

सवाल: इसे कब लागू किया जाएगा?
जवाब: अभी लागू होने की सटीक तारीख तय नहीं है, लेकिन इसे 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से शुरू करने की योजना है।  

सवाल: छात्र इन विकल्पों को कैसे चुन सकेंगे?
जवाब: UGC ने फिलहाल इसकी विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है। हालांकि, यह कहा गया है कि अगर प्रतिभाशाली छात्र 2 साल में आवश्यक क्रेडिट स्कोर पूरे कर लेते हैं, तो उन्हें डिग्री के लिए 3 या 5 साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

UGC का उद्देश्य 
UGC चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने कहा कि हमारा मकसद छात्रों को क्रिटिकल थिंकर बनाना है ताकि वे देश के विकास में योगदान दे सकें। UGC ने छात्रों को अधिक लचीलापन और विकल्प प्रदान करने के लिए पहले ही कई प्रवेश और निकास (एंट्रेंस और एग्जिट) विकल्प लागू किए हैं। यह उन छात्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जो ब्रेक लेकर अपनी पसंद के अनुसार पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं।  

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) की समीक्षा
12-13 नवंबर को दिल्ली में आयोजित उच्च शिक्षा की बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NEP-2020 की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में इसे व्यापक रूप से लागू करने पर जोर दिया गया। हालांकि, पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों ने इस नीति का विरोध किया।  

राज्यों का रुख
  • पश्चिम बंगाल और केरल ने चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम को लेकर असहमति जताई है।  
  • तमिलनाडु ने NEP को नहीं अपनाते हुए राज्य की अपनी शिक्षा नीति तैयार की थी।  
  • UGC का मानना है कि इस नई शुरुआत से छात्रों के लिए बेहतर अवसर और लचीलापन सुनिश्चित होगा।

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