दिवाली पर ट्रेनों में नहीं मिल रही बुकिंग : बसों का किराया कई गुना बढ़ा, फ्लाइट के टिकट में खत्म हो जाएगी सैलरी

UPT | दिवाली पर ट्रेनों में नहीं मिल रही बुकिंग

Oct 26, 2024 15:03

नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद के अलावा उत्तर प्रदेश के लोग पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद और गुजरात, पंजाब में भी काम करते हैं। इन शहरों से अपने गांव लौटने के लिए सबसे मुफीद ट्रेन ही है। लेकिन हालात ये हैं कि साधारण ट्रेनों को तो छोड़िए, स्पेशल ट्रेनों में भी टिकट नहीं मिल पा रही है

Short Highlights
  • दिवाली पर ट्रेनों में नहीं मिल रही बुकिंग
  • बसों का किराया कई गुना बढ़ा
  • फ्लाइट की कीमत एक सैलरी
New Delhi : दिवाली नजदीक है। शहरों में काम करने वाले लोग अपने घर-परिवार के साथ त्यौहार मनाने के लिए लौट रहे हैं। कुछ लोग तो इसके लिए पहले से प्लानिंग करके चलते हैं। ऐसे में उन्होंने पहले से सारी टिकटें बुक की हुई हैं। लेकिन ज्यादातर लोग काम के लोड और बॉस के प्रेशर की वजह से प्री प्लानिंग नहीं कर पाते हैं। ऐसे में अब अगर वह दिवाली के आस-पास टिकट निकालने की कोशिश कर भी रहे हैं, उन्हे टिकट नहीं मिल पा रही है।

ट्रेनों में काफी लंबी वेटिंग
नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद के अलावा उत्तर प्रदेश के लोग पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद और गुजरात, पंजाब में भी काम करते हैं। इन शहरों से अपने गांव लौटने के लिए सबसे मुफीद ट्रेन ही है। लेकिन हालात ये हैं कि साधारण ट्रेनों को तो छोड़िए, स्पेशल ट्रेनों में भी टिकट नहीं मिल पा रही है। सरकार ने त्यौहार को देखते हुए स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ा दी है, लेकिन फिर भी हालात जस के तस हैं। अगर किसी को टिकट मिल भी जाए, तो त्यौहार में बगैर टिकट वाले लोग भी ट्रेनों में चढ़ जाते हैं, जिससे खुद अपनी सीट पर बैठना मुश्किल हो जाता है।



बसों का किराया कई गुना बढ़ा
ट्रेनों के बाद आम आदमी के लिए सबसे बेहतर ऑप्शन बस है। देश के लगभग हर मेट्रो शहर से यूपी के छोटे शहरों के लिए बस चलती है। लेकिन यहां तो स्थिति और भी गंभीर है। बसों का साधारण किराया जो सीटर के लिए 700 से 1000 रुपये तक हुआ करता था, वह अब 3000 से 4000 रुपये हो चुका है। य़े हाल उन बसों के हैं, जिनकी बुकिंग ऑनलाइन हो जाती है। कई प्राइवेट ट्रैवल कंपनियां भी अपनी बसें संचालित करती हैं, जिनकी बुकिंग केवल उनके नंबर पर कॉल करके ही होती है। इन बसों के लिए भी ऊल-जलूल दाम मांगे जा रहे हैं।

फ्लाइट की कीमत एक सैलरी
वो एक फिल्म का डायलॉग है ना कि एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो... तकरीबन यही हाल फ्लाइट का है। यहां फ्लाइट में टिकट बुकिंग का हाल तुम क्या जानो। दिल्ली एनसीरआर में काम करने वाले लोगों की औसत सैलरी जितनी इस वक्त फ्लाइट की टिकट हो गई है। फ्लाइट से जाना वैसे तो हमेशा से ही महंगा रहा है। लेकिन समय बचने के कारण कई बार लोग इसे ही तवज्जो देते हैं। लेकिन दिवाली के समय फ्लाइट का किराया इतना बढ़ चुका है कि कई लोगों की इनती तनख्वाह भी नहीं है।

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