RBI के नए गवर्नर होंगे संजय मल्होत्रा : 11 दिसंबर को संभालेंगे कार्यभार, यूपी के इस जिले से है गहरा नाता

UPT | संजय मल्होत्रा

Dec 09, 2024 18:59

 राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है। वे मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास की जगह लेंगे...

New Delhi News : राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है। वे मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। संजय मल्होत्रा भारतीय रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर होंगे। बता दें कि उनका कानपुर से गहरा संबंध है, जहां उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की थी। 

1990 बैच के IAS अधिकारी हैं संजय मल्होत्रा
संजय मल्होत्रा 1990 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने नवंबर 2020 में आरईसी के चेयरमैन और एमडी के रूप में कार्यभार संभाला था। इसके पहले वे ऊर्जा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर तैनात थे। 2022 में, केंद्र सरकार ने उन्हें वित्तीय सेवा विभाग (DFS) का सचिव नियुक्त किया और बाद में रिजर्व बैंक के निदेशक के रूप में उनका नामांकन किया।



गवर्नर पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार
11 दिसंबर से संजय मल्होत्रा आरबीआई के नए गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालेंगे। उनका कार्यकाल अगले तीन सालों तक होगा। रिजर्व बैंक का संचालन केंद्रीय निदेशक मंडल द्वारा होता है और मल्होत्रा के पास इस क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। यही कारण है कि वे गवर्नर के पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार माने गए। उनके पास राज्य और केंद्र सरकार दोनों स्तरों पर वित्त और कराधान से संबंधित नीतियों को तैयार करने का लंबा अनुभव है।

यूपी के कानपुर से की पढ़ाई
संजय मल्होत्रा ने अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री आईआईटी कानपुर से प्राप्त की और इसके बाद, अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री हासिल की। पिछले तीन दशकों से वे पावर, वित्त, कराधान, सूचना प्रौद्योगिकी और खनन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनका यह व्यापक अनुभव उन्हें रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में सफल कार्यकाल के लिए सक्षम बनाता है।

शक्तिकांत दास ने कार्यकाल के दौरान लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय
वहीं शक्तिकांत दास, जिनका कार्यकाल 6 वर्षों तक रहा, उन्होंने आरबीआई के गवर्नर के रूप में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। उन्होंने उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद पदभार संभाला और कोविड महामारी के दौरान महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए। शक्तिकांत दास का कार्यकाल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण रहा और उन्होंने कई अहम आर्थिक मुद्दों पर अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया।

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