सुप्रीम कोर्ट पहुंचा यूपी का नेमप्लेट मामला : योगी सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका पर कल होगी सुनवाई

UPT | सुप्रीम कोर्ट पहुंचा यूपी का नेमप्लेट मामला

Jul 21, 2024 19:58

कांवड़ यात्रा के दौरान खाने-पीने की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। इस मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।

Uttar Pradesh Kanwar Yatra : उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान खाने-पीने की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। इस मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक एनजीओ ने इस विवादित मुद्दे पर याचिका दाखिल की थी, जिसे सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है। 

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नेम प्लेट लगाने वाले आदेश को रद्द करने की मांग
इस मामले पर 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी के सामने आ सकता है। एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम की एनजीओ ने इस मामले को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी जिसे सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया है। इन याचिका में  योगी सरकार के नेम प्लेट लगाने वाले आदेश को रद्द करने की मांग की है।



सर्वदलीय बैठक में उठा मुद्दा
संसद के बजट सत्र से पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें नेम प्लेट के मुद्दे पर विवाद उठाया गया। इस बैठक में कांग्रेस के गौरव गोगोई, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी और लेफ्ट दलों सहित अन्य कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने योगी सरकार के नेम प्लेट लगाने के फैसले को खारिज करने की मांग की। बैठक के बाद एनसीपी के सांसद प्रफुल्ल पटेल ने मीडिया के सामने यह मांग की और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से नेम प्लेट के फैसले को वापस लेने की दबाव डाला।

एनडीए से भी मिली मुद्दे को विरोध
योगी सरकार के आदेश का एनडीए में शामिल सहयोगी दलों ने विरोध दर्ज किया है। इस विरोध में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जेडीयू नेता केसी त्यागी और राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी भी शामिल हैं। जयंत चौधरी ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए नेम प्लेट वाले आदेश की आलोचना की और कहा कि इसे धर्म और राजनीति से अलग रखना चाहिए। उन्होंने पूछा कि यदि सभी अपनी दुकानों पर नाम लिख रहे हैं तो बर्गर किंग और मैकडॉनल्ड्स जैसे व्यापारी क्या करेंगे?

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सबसे पहले मुजफ्फरनगर पुलिस दिया था निर्देश
कांवड़ यात्रा से के लेकर सबसे पहले मुजफ्फरनगर पुलिस ने निर्देश जारी किया था। जब विपक्षी दलों ने इस पर आपत्ति जताई, तो सीएम योगी ने इसे और विस्तार से देखा। इसके बाद प्रदेश भर में कांवड़ यात्रा के मार्ग पर आने वाली दुकानों को निर्देश दिया गया। इसी तरह उत्तराखंड में भी ऐसे ही आदेश जारी किए गए। हरिद्वार के जिला अधिकारी धीरज गरबियाल ने बताया कि नगर निगम द्वारा जारी लाइसेंस धारकों को अपनी दुकान, ढाबा और रेहड़ी पर लाइसेंस नंबर लगाना होगा। उन्होंने यह भी दिलाया कि दुकानदारों को अपना आधार कार्ड पास में रखने के लिए कहा गया है।

कांवड़ यात्रा में मुजफ्फरनगर खास क्यों
मुजफ्फरनगर जनपद हरिद्वार से दिल्ली-यूपी-हरियाणा तक कांवड़ रूट में सबसे खास है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस जिले में कांवड़ यात्रा का मार्ग 240 किलोमीटर लंबा है। यह पुरकाजी के गांव भूराहेड़ी चेकपोस्ट से खतौली के भंगेला व बुढ़ाना, फुगाना, तितावी थानों की सीमा तक फैला हुआ है। 

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