Big Breaking : UP में 69000 शिक्षक भर्ती मामले में बड़ा अपडेट, SC ने इलाहाबाद HC के आदेश पर लगाई रोक

UPT | सुप्रीम कोर्ट

Sep 09, 2024 17:26

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (09 सितंबर) को उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की और इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी...

Short Highlights
  • उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती को लेकर बड़ा फैसला
  • सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक
  • अब 25 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
New Delhi News :  उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 9 सितंबर को सुनवाई की। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट का निर्णय फिलहाल प्रभावी नहीं रहेगा और इस मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी। उन्होंने संबंधित सभी पक्षों को लिखित दलीलें पेश करने का निर्देश दिया, ताकि इस मामले की अंतिम सुनवाई की जा सके।

19000 लोगों पर पड़ सकता है असर
सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मामले के कानूनी पहलुओं की गहराई से समीक्षा करेगा और उसके बाद आदेश जारी करेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरक्षण नियमों के पालन में खामियों के आधार पर मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया था। ऐसे में इस निर्णय का असर लगभग 19,000 लोगों पर पड़ सकता है, जो पिछले चार वर्षों से सरकारी नौकरी में कार्यरत हैं।



सभी पक्षों को देनी होंगी लिखित दलीलें
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जटिलता को देखते हुए सभी पक्षों से लिखित दलीलें पेश करने की अपील की है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि दोनों पक्ष अपनी दलीलें अधिकतम सात पन्नों में प्रस्तुत करें और इसके लिए दो नोडल वकील नियुक्त किए हैं। साथ ही, राज्य सरकार को भी इस मुद्दे पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है।

यह था इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जून 2020 और जनवरी 2022 की चयन सूचियों को रद्द कर दिया था। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि 2019 की सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के आधार पर तीन महीने के भीतर नई चयन सूची जारी की जाए। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि यदि कोई रिजर्वेशन कैटगरी का उम्मीदवार जनरल कैटगरी की मेरिट के बराबर अंक प्राप्त करता है, तो उसे जनरल कैटगरी में शामिल किया जाना चाहिए। वहीं इस फैसले से राज्य के मौजूदा शिक्षकों में चिंता का माहौल बन गया है।

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