इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की सख्त टिप्पणी : कहा-धर्मांतरण जारी रहा तो बहुसंख्यक आबादी हो जाएगी अल्पसंख्यक  

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट।

Jul 02, 2024 00:15

हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे आयोजन संविधान के अनुच्छेद-25 द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के विरूद्ध है। यह अनुच्छेद किसी को भी धर्म मानने व पूजा करने व अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है।

Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण की प्रवृत्ति को लेकर गंभीर टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में एससी/एसटी और आर्थिक रूप से गरीब व्यक्तियों का ईसाई धर्म में अवैध धर्मांतरण बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। यदि धर्मांतरण नहीं रोका गया तो देश की बहुसंख्यक आबादी एक दिन अल्पसंख्यक बन जाएगी। धर्मांतरण करने वाली धार्मिक सभाओं पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।

हाईकोर्ट ने क्या कहा
हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे आयोजन संविधान के अनुच्छेद-25 द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के विरूद्ध है। यह अनुच्छेद किसी को भी धर्म मानने व पूजा करने व अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है। धर्म प्रचार की स्वतंत्रता किसी को धर्म परिवर्तन कराने की अनुमति नहीं देती। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत एक आरोपी कैलाश की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। हमीरपुर के थाना मौदहा में याची कैलाश पर अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था।

यूपी में गरीब लोगों को गुमराह कर बनाया जा रहा ईसाई
दरअसल रामकली प्रजापति ने एफआईआर दर्ज कराई कि उसका भाई जो मानसिक रूप से बीमार था, उसको याची एक हफ्ते के लिए दिल्ली ले गया। उससे कहा कि इलाज कराकर गांव वापस कर देंगे। लेकिन वापस नहीं आया। जब आया तो गांव के तमाम लोगों को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में ले गया। जहां उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया। इसके बदले शिकायतकर्ता के भाई को पैसे दिए गए।

संविधान धर्म प्रचार की छूट देता है, धर्म बदलवाने की अनुमति नहीं
कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि संविधान धर्म प्रचार की छूट देता है। धर्म बदलवाने की अनुमति नहीं है। याची पर आरोप गंभीर हैं। गांव के तमाम लोगों को ईसाई बना दिया गया है। जानकारी में आया है कि यूपी में धार्मिक आयोजनों के जरिए भोले भाले गरीब लोगों को गुमराह कर ईसाई बनाया जा रहा है। ऐसे ने धर्म परिवर्तन कराने के आरोप की गंभीरता को देखते हुए याची को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता कोर्ट ने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

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