Prayagraj News : 24 साल से बंद माया प्रेस में लगी आग, पहले भी हो चुकी है घटना, जानें क्या है सच...

UPT | आग बुझाते पुलिस और फायर ब्रिगेड के लोग

Apr 04, 2024 09:56

संगम नगरी प्रयागराज में बंद पड़ी माया प्रेस में अचानक भीषण आग लग गई। आग लगने से लाखों का सामान जलकर खाक हो गया। जब बंद पड़ी माया प्रेस से धुआं उठने लगा तो पुलिस ...

Short Highlights
  • ज्ञानपीठ के पूर्व निदेशक रवींद्र कालिया रह चुके हैं संपादक। 
  • यहां होता था माया, मनोहर कहानियां, मनोरमा का प्रकाशन।
Prayagraj News : संगम नगरी प्रयागराज में बंद पड़ी माया प्रेस में अचानक भीषण आग लग गई। आग लगने से लाखों का सामान जलकर खाक हो गया। जब बंद पड़ी माया प्रेस से धुआं उठने लगा तो पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। फायर ब्रिगेड की सात गाड़ियां मौके पर पहुंची। उसके बाद कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। लोगों का कहना है कि कुछ नशेड़ी टाइप के लोग इस बंद पड़ी माया प्रेस में बैठते हैं। लोगों ने उन्हीं पर आग लगाने का आरोप लगाया है।

क्षितिन्द्र मोहन मित्र उर्फ माया बाबू ने की थी स्थापना
मित्र प्रकाशन, जिसे माया प्रेस के नाम से जाना जाता है, काफी अरसे से बंद है। एक समय में यहां से माया पत्रिका, मनोहर कहानियां, सत्यकथा, मनोरमा आदि मशहूर पत्रिकाएं प्रकाशित होती थीं। इस प्रेस की स्थापना क्षितिन्द्र मोहन मित्र उर्फ माया बाबू ने की थी। मित्र प्रकाशन से गंगा-यमुना साप्ताहिक समाचार पत्र भी प्रकाशित होता था। ज्ञानपीठ के पूर्व निदेशक रवींद्र कालिया इसके संपादक रह चुके हैं।

दो तलों में लगी थी आग
आग लगने से माया प्रेस के अंदर की वायरिंग और कुछ सामान आदि जलकर राख हो गए। थाना प्रभारी मुट्ठीगंज इंद्रदेव ने बताया कि समय से फायर ब्रिग्रेड के लोग प्रेस में पहुंच गए थे। इसकी वजह से आग आसपास के मकानों में नहीं फैल पाई। अनुमान है कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी है। वहीं, जिस समय आग लगी, उस समय माया प्रेस की तरफ जाने वाली गाड़ियों को रोक दिया गया। मौके पर पहुंचकर मुट्ठीगंज थाने की पुलिस ने यातायात संचालन के लिए रूट डायवर्ट किया। 

साल 2000 से बंद है माया प्रेस
शहर के मुट्ठीगंज में स्थित माया प्रेस सन 2000 से बंद है। एक बार इससे पहले भी आग लग चुकी है। इसके बाद आज फिर माया प्रेस में भीषण आग लग गई। अग्निशमन अधिकारी राजीव नारायण पांडे के मुताबिक, आग दो तलों में लगी थी, जिन पर कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया गया है   

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