इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की अहम टिप्पणी : कहा- 'जिस देश में बच्चियों की पूजा होती है, वहां दुष्कर्म की घटनाएं चिंताजनक'

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Oct 16, 2024 13:39

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा है कि जिस देश में बच्चियों की पूजा की जाती है, वहां मासूमों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं का बढ़ना अत्यंत चिंताजनक है।

Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा है कि जिस देश में बच्चियों की पूजा की जाती है, वहां मासूमों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं का बढ़ना अत्यंत चिंताजनक है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने मुरादाबाद में चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह केवल पीड़िता के लिए नहीं, बल्कि समस्त समाज के लिए एक गंभीर अपराध है और ऐसे अपराधों से मौलिक अधिकारों का हनन होता है। अगर न्यायालय सही निर्णय नहीं लेता है, तो लोगों का न्याय व्यवस्था पर विश्वास उठ जाएगा।

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इस मामले में कोर्ट ने की ये टिप्पणी
इस मामले में मुरादाबाद के कटघर थाने में आरोपी अहसान के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम और दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप है कि उसने 21 अप्रैल 2024 को एक चार साल की बच्ची को जबरन उठा लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी के वकील ने हाईकोर्ट में दलील दी कि उनका मुवक्किल झूठे मामले में फंसाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि याची 31 मई 2024 से जेल में बंद है और पीड़िता के बयान मेडिकल रिपोर्ट के विपरीत हैं। मेडिकल रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की अंदरूनी या बाहरी चोट नहीं पाई गई, जबकि प्राथमिकी में चोटों का उल्लेख किया गया है। 



आरोपी की जमानत खारिज
हालांकि, अपर शासकीय अधिवक्ता ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि अपराध की प्रकृति बेहद जघन्य है और आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए। अदालत ने इन सभी दलीलों के आधार पर आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी, यह दर्शाते हुए कि समाज में ऐसे अपराधों के प्रति कोई भी उदासीनता स्वीकार्य नहीं है। हाईकोर्ट की यह टिप्पणी समाज में बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं पर गंभीर चिंता को दर्शाती है और यह इंगित करती है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।

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