Kaushambi News : राजा भैया ने सरोज को माफ़ किया, कोर्ट से वापस लेंगे शिकायत, जानें पूरा मामला...

UPT | राजा भैयाऔर इंद्रजीत सरोज।

May 17, 2024 16:08

जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने कौशाम्बी लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी के पिता पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज के साथ चल रहा पुराना विवाद समाप्त...

Short Highlights
  • राजा भैया के इस कदम के बाद सपा खेमे में खुशी का माहौल। 
  • फैसले को सपा को समर्थन देने का संकेत माना जा रहा है। 
Kaushambi News : जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने कौशाम्बी लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी के पिता पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज के साथ चल रहा पुराना विवाद समाप्त करने का फैसला किया है। यह खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। कौशांबी में 20 तारीख को मतदान होना है और मतदान से पहले इस तरह की खबरें वायरल होने से कौशांबी में सियासी पारा गर्म हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, राजा भैया के इस कदम के बाद सपा खेमे में खुशी का माहौल है। सियासी गलियारों में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। इसे सपा को समर्थन देने का संकेत भी माना जा रहा है। हालांकि ये खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

इंद्रजीत सरोज के साथ क्या था मामला
साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कौशाम्बी से सपा प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज ने कुछ लोगों के बहकावे में आकर चुनावी माहौल और सरगर्मी के बीच राजा भैया के बारे में कुछ टिप्पणियां की थीं। उसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और जनमानस में इंद्रजीत सरोज को लेकर आक्रोश था। राजा भैया ने इंद्रजीत सरोज के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष मानहानि का मुकदमा दायर किया था। जो अब भी एमपी एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट ने इस मामले में इंद्रजीत सरोज को तलब भी किया है। सूत्र बताते हैं कि 13 मई की शाम इंद्रजीत सरोज और उनके बेटे ने राजा भैया से बेंती स्थित उनके आवास पर मुलाकात की थी। उन्होंने पूर्व के गिले-शिकवे और गलत बयानबाजी को भूलने का आग्रह किया। राजा भैया ने उन बातों को भूलकर अब मुकदमे को समाप्त करने की तैयारी कर ली है।

भाजपा प्रत्याशी ने भी राजा भैया से की थी मुलाकात
पिछले दिनों भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के साथ उनसे मुलाकात की थी। उसके बाद सपा प्रत्याशी भी मिले राजा भैया से मिले थे। लेकिन, 14 मई की शाम राजा भैया ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर किसी को समर्थन न करने का फैसला लिया था।

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