समस्याओं का समाधान न होने से अधिवक्ता नाराज : न्यायिक कार्यों का बहिष्कार, एसडीएम से वार्ता के बाद दी आंदोलन की चेतावनी

UPT | न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर एसडीएम से समस्याओं के समाधान की मांग करते वकील।

Jan 13, 2025 19:22

जिले में प्रशासनिक लापरवाही और अधिवक्ताओं के उत्पीड़न को लेकर सोमवार को वकीलों का आक्रोश चरम पर पहुंचा। संयुक्त अधिवक्ता संघ के नेतृत्व में न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर एसडीएम से वार्ता की गई।

Pratapgarh News : जिले में प्रशासनिक लापरवाही और अधिवक्ताओं के उत्पीड़न को लेकर सोमवार को वकीलों का आक्रोश फूट पड़ा। संयुक्त अधिवक्ता संघ के नेतृत्व में वकीलों ने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर एसडीएम से वार्ता की।



उदयपुर के अधिवक्ताओं के मामलों ने बढ़ाया तनाव
संघ के अध्यक्ष संदीप सिंह और महामंत्री सूर्यकांत निराला के नेतृत्व में वकीलों ने उदयपुर थाना क्षेत्र के अधिवक्ता रामछबीले यादव के मामले में प्रशासनिक उदासीनता पर कड़ी नाराजगी जताई। रामछबीले यादव का जमीनी विवाद लंबे समय से लंबित है और प्रशासन ने अब तक संतोषजनक कार्रवाई नहीं की है। इसी तरह अधिवक्ता अंकुर तिवारी के मामले में पुलिस की निष्क्रियता ने भी वकीलों के गुस्से को और भड़का दिया। इन दोनों मामलों को लेकर वकीलों ने न्यायालय परिसर में आम सभा आयोजित की, जहां न्यायिक कामकाज का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया।

एसडीएम से वार्ता, समाधान की मांग की 
नाराज अधिवक्ता एसडीएम नैंसी सिंह के चेंबर में पहुंचे और प्रशासनिक उदासीनता के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज कराई। वकीलों ने रामछबीले यादव के जमीनी विवाद को लेकर प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। अधिवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि यदि बुधवार तक संतोषजनक कार्रवाई नहीं होती है तो गुरुवार से बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। वार्ता के दौरान संघ के प्रतिनिधियों ने अस्पताल में भर्ती अधिवक्ता रामछबीले यादव के हालात का हवाला देते हुए मामले को प्राथमिकता से हल करने की मांग की।

आंदोलन की चेतावनी
अध्यक्ष संदीप सिंह ने कहा कि प्रशासन की उदासीनता अब सहन नहीं की जाएगी। यदि तय समय सीमा तक समाधान नहीं हुआ, तो वकील न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करते हुए आंदोलन करेंगे। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक प्रशासन सभी लंबित मामलों का संतोषजनक समाधान नहीं कर देता।

अधिवक्ताओं का समर्थन बढ़ा
इस वार्ता में कई वरिष्ठ अधिवक्ता भी शामिल हुए, जिनमें राममोहन सिंह, अनिल त्रिपाठी, महेश, ज्ञानप्रकाश शुक्ल, देवी प्रसाद मिश्र, अजय शुक्ल गुड्डू, धीरेन्द्र मिश्र, शैलेन्द्र सिंह, गिरिजाकांत द्विवेदी, नीरज सिंह, शहजाद अंसारी, और संतोष पांडेय शामिल थे। इन सभी ने संयुक्त रूप से अधिवक्ताओं के मुद्दों को लेकर प्रशासन पर दबाव बनाने का निर्णय लिया।

आखिर कब तक चलेगा गतिरोध 
अधिवक्ताओं और प्रशासन के बीच चल रही इस खींचतान ने न्यायिक प्रक्रियाओं को बाधित कर दिया है। यह देखना होगा कि प्रशासन वकीलों की समस्याओं को कितनी गंभीरता से लेता है और समाधान के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं। अधिवक्ताओं का यह आक्रोश प्रशासन को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करने का प्रयास है। यदि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है, जिससे न्याय प्रक्रिया पर व्यापक प्रभाव पड़ने की आशंका है। 

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