महाकुंभ 2025 : 2 हजार गंगा सेवा दूत कर रहे हैं त्रिवेणी की सफाई, पुलिस से लेकर स्वयंसेवी तक तैनात

UPT | घाट पर सफाई करते गंगा सेवा दूत

Jan 13, 2025 17:38

महाकुंभ के पहले दिन, पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के दौरान घाटों की सुरक्षा, स्वच्छता और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में गंगा सेवा दूतों को तैनात किया गया...

Prayagraj News : महाकुंभ के पहले दिन, पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के दौरान घाटों की सुरक्षा, स्वच्छता और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में गंगा सेवा दूतों को तैनात किया गया। जैसे ही श्रद्धालु पूजा अर्चना में पुष्प अर्पित करते, गंगा सेवा दूत तुरंत उसे निकालकर नदी की सफाई करते थे। गंगा और यमुना की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए लगभग 2000 गंगा सेवा दूतों को विभिन्न घाटों पर तैनात किया गया था। इन सभी को मेला प्रशासन द्वारा विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया था ताकि वे अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभा सकें। 

सभी गंगा सेवा दूत अपनी ड्यूटी पर तैनात
महाकुंभ के पहले दिन सभी गंगा सेवा दूत अपनी ड्यूटी पर पूरी तरह से तैनात थे। वे श्रद्धालुओं की सेवा करते हुए नदियों को साफ और निर्मल रखने का प्रयास कर रहे थे। गंगा सेवा दूतों की मेहनत से यह सुनिश्चित किया गया कि श्रद्धालुओं को स्नान के दौरान कोई असुविधा न हो और नदियों का पानी स्वच्छ बना रहे। इन प्रयासों ने महाकुंभ के आयोजन को एक स्वच्छ और व्यवस्थित रूप में सफल बनाने में मदद की।



स्काउट एंड गाइड के वॉलंटियर्स भी तैनात 
इनकी मदद के लिए स्काउट एंड गाइड के भी युवक एवं युवतियां तत्परता से तैयार नजर आए। ये युवक एवं युवतियां स्वयं सेवा के तहत घाटों पर मुस्तैदी से कार्य करते दिखे। सोनभद्र के स्काउट एंड गाइड आरिफ ने बताया कि 9 जनवरी से ही वो और उनकी टीम यहां पर आ गए हैं। उनकी टीम में मिर्जापुर, वाराणसी से भी स्काउट एंड गाइड हैं। कुल मिलाकर 91 लोग स्वयं सेवा में लगे हुए हैं। इसके लिए उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई है। 45 दिनों में कुल 10 हजार 200 स्काउट एंड गाइड पूरे महाकुम्भ में अपनी सेवाएं देंगे। हर हफ्ते 250-250 लोग यहां पर पहुंचेंगे। उनके रहने और खाने-पीने के लिए प्रशासन की ओर से सेक्टर 6 में व्यवस्था की गई है। 

घाट पर जिम्मेदारी निभा रहे पुलिसकर्मी
घाटों की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए मेला प्रशासन की ओर से बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं। स्नान संपन्न होने के बाद श्रद्धालु ज्यादा देर तक घाट पर न बने रहें, इसकी जिम्मेदारी पुलिसकर्मियों की है। वो स्नान कर चुके श्रद्धालुओं को वापस घाट से जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, ताकि जो श्रद्धालु स्नान के लिए आ रहे हैं उन्हें भी घाट खाली मिले। इसके लिए पूरे दिन पुलिसकर्मी सक्रियता से काम करते रहे।

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