यूपी उपचुनाव : कांग्रेस पार्टी से निष्कासित हुए सुरेश यादव, फूलपुर सीट से नामांकन किया था दाखिल

UPT | निष्कासन के बाद सुरेश यादव और उनके समर्थक

Oct 28, 2024 19:44

कांग्रेस पार्टी से बगावत कर विधानसभा उपचुनाव में फूलपुर सीट से नामांकन दाखिल करने वाले कांग्रेस के गंगापार जिलाध्यक्ष सुरेश यादव को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

Short Highlights

प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। सुरेश यादव 

प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय महासचिव यह नहीं चाहते थे कि किसान का बेटा विधायक बने इसलिए उन्होंने पार्टी के साथ धोखा किया।

अनुशासनहीनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय ने की है

Prayagraj News : कांग्रेस पार्टी ने अपने गंगापार जिलाध्यक्ष सुरेश यादव को अनुशासनहीनता के आरोप में छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। सुरेश यादव ने हाल ही में विधानसभा उपचुनाव में फूलपुर सीट से नामांकन दाखिल किया था, जबकि पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। 

सुरेश यादव का निष्कासन
कांग्रेस पार्टी के अनुशासन समिति के सदस्य श्याम किशोर शुक्ला ने बताया कि सुरेश यादव को 25 अक्टूबर को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित करने का निर्णय लिया। पार्टी के इस निर्णय में कहा गया है कि सुरेश ने पार्टी की अनुशासनात्मक नीति का उल्लंघन किया है। इससे पहले, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सुरेश यादव को गंगापार के जिला अध्यक्ष पद से हटा दिया था, जब उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी के खिलाफ नामांकन दाखिल किया। इस कार्रवाई के तहत सुरेश से अनुशासनहीनता का जवाब भी मांगा गया था।

उपचुनाव में नामांकन
निष्कासन के बाद सुरेश यादव ने अपने रुख को बनाए रखते हुए कहा है कि उन्होंने कोई अनुशासनहीनता नहीं की है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के साथ संधि करके पार्टी का नुकसान किया है। सुरेश ने यह भी कहा कि उन्हें पार्टी से निष्कासित नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसके विपरीत, अजय राय और अविनाश पांडेय के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।



अनुशासन समिति की कार्रवाई
सुरेश यादव ने स्पष्ट किया कि वह अपना नामांकन वापस नहीं लेंगे और अपने समर्थकों के साथ चुनाव में भाग लेंगे। उनका कहना है कि उन्होंने क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से राजनीतिक जमीन तैयार की है और वह चुनाव जीतने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। इसी बीच, 2022 में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सिद्धनाथ मौर्य ने भी सुरेश यादव के समर्थन में पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मौर्य ने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सुरेश ने क्षेत्र में व्यापक जनसंपर्क किया था और पार्टी ने उन्हें धोखा दिया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि सुरेश यादव के समर्थन में और भी नेता पार्टी छोड़ने की योजना बना रहे हैं।

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