अच्छी खबर : काशी विश्वनाथ मंदिर में सुरक्षागार्डस् को दी जा रही है CPR की ट्रेनिंग, हार्ट अटैक आने पर बचा सकेंगे लोगों की जान

Uttar Pradesh Times | Kashi Vishwanath Temple

Dec 27, 2023 15:28

विशेषज्ञों का मानना है कोरोना के बाद हार्ट अटैक की बीमारी में कई गुना वृद्धि हुई है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के त्रयंबकेश्वर हॉल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से राजकीय चिकित्साधिकारी डॉ. शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी द्वारा अर्चकों – सुरक्षाकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है।

Varanasi News ( Amit) : श्री काशी विश्वनाथ धाम के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। विश्वनाथ मंदिर देश का पहला मंदिर बन गया, जहा अर्चकों - सुरक्षाकर्मियों को CPR ( कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन ) की ट्रेनिंग दी जा रही है। सीपीआर एक जीवनरक्षक प्रक्रिया है। कार्डियक अरेस्ट किसी को आता है तो तत्काल सीपीआर की प्रक्रिया से जान बचाई जा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कोरोना के बाद हार्ट अटैक की बीमारी में कई गुना वृद्धि हुई है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के त्रयंबकेश्वर हॉल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से राजकीय चिकित्साधिकारी डॉ शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी द्वारा अर्चकों – सुरक्षाकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है।

CPR की जानकारी से बचा सकते हैं जीवन
भाग दौड़ भरे जीवन में हर कोई तनाव भरा जीवन जी रहा है। कोरोना के बाद से खेलते, जिम, डांस करते- करते कई लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई। भारत सहित विदेशों में इसको लेकर तमाम रिसर्च किया जा रहा है। लेकिन थोड़ी सी जागरूक से कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है। डॉ द्विवेदी ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट के मरीज के लिए उस दौरान 3 से 5 मिनट का समय महत्वपूर्ण होता है। 10 मिनट तक आक्सीजन न मिले तो ब्रेन काम करना बंद कर देता है। ऐसे में सीपीआर प्रक्रिया से लोगों को बचाया जा सकता है।

क्या है CPR? 
सीपीआर एक प्राथमिक चिकित्सा पद्धति है। जब कोई व्यक्ति ठीक से सांस नहीं ले पा रहा हो, उसकी हृदय की गति कम हो रही हो। तब ये तकनीक बहुत कारगर साबित हो सकती है। इस क्रिया में छाती को प्रेस करने के साथ मुंह द्वारा मुंह मे बचाव सांस दिया जाता है। यदि कोई व्यक्ति सांस न ले रहा हो और अचेत हो उसे सीपीआर पद्धति से प्राथमिक चिकित्सा दिया जा सकता है।
 

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