Gyanvapi ASI Survey : ज्ञानवापी परिसर में 10 तहखानों का पता चला, हिंदू धर्म से जुड़े पाए गए प्रतीक

UPT | ज्ञानवापी परिसर

Jan 31, 2024 12:47

ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के अलावा और भी कई तहखाने हैं। जिसकी घोषणा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की एक टीम ने की...

Gyanvapi ASI Survey : वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट ने हर किसी का ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि यह उत्तर-दक्षिण विभाजन के बारे में लंबे समय से चली आ रही धारणाओं को खारिज करती है। आपको बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के अलावा और भी कई तहखाने हैं। जिसकी घोषणा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की एक टीम ने की। बता दें कि ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार तकनीक का उपयोग करने के बाद एक अध्ययन में पता चला कि परिसर में और भी 6 तहखाने हैं। यहां एएसआई की टीम भी पहुंची। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण में तहखानों में हिंदू धर्म से जुड़े प्रतीक पाए गए थे।

जीपीआर सर्वे की रिपोर्ट ने कहा
जीपीआर सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया कि चबूतरे के नीचे प्लेटफार्म क्षेत्र में तहखानों की छत है। इसका ऊपरी हिस्सा खुला है, लेकिन नीचे की परत मलबे से भरी हुई है। ऐसा पाया गया कि इसमें मलबा भरकर इसे बंद किया गया है। मंच के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में कई खोखले या आंशिक रूप से भरे हुए तीन मीटर चौड़े तहखाने हैं। इनके अलावा यहां पर नौ वर्गमीटर आकार के कमरे भी हैं, जिनकी दीवारें एक मीटर चौड़ी हैं। दक्षिणी दीवार की ओर खुले स्थान हैं, जिन्हें अब सील कर दिया गया है, क्योंकि जीपीआर सिग्नलों में 1-2 मीटर चौड़े अलग-अलग पैच देखे गए हैं। तहखाने के उत्तर की ओर खुले कार्यात्मक दरवाजे हैं। इसके साथ ही बता दें कि पूर्वी हिस्से में 2 मीटर चौड़ाई के 3-4 तहखाने मिले हैं। पूर्वी दीवार की मोटाई अलग-अलग है। गलियारे क्षेत्र में मंच के पश्चिम की ओर, 3-4 मीटर की चौड़ाई वाली तहखानों की दो पंक्तियां देखी गई हैं। तहखाने के अंदर छिपे हुए कुएं दो मीटर चौड़ा है। दक्षिण की ओर एक कुएं के अवशेष भी मिले हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि तहखाने की दीवारों के जीपीआर स्कैन से छिपे हुए कुएं और मार्गों का भी पता चला है। जीपीआर से पता चला कि दक्षिणी तहखाने का दरवाजा एक दीवार से ढका हुआ है।

स्थापित हुई थी ASI की प्रयोगशाला
ASI ने सर्वे के दौरान सफाई, लेबलिंग, वर्गीकरण, नाजुक खराब वस्तुओं का परीक्षण भी किया था। इसके लिए ज्ञानवापी परिसर में ही एक क्षेत्रीय प्रयोगशाला स्थापित की गई थी। इसमें धातु सहित दूसरी सामग्रियों की जांच में सहायता मिली थी।

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