Agra News : कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर के वचनों से आहत होकर अधिवक्ता ने किया सिविल कोर्ट में वाद दायर, जानें पूरा मामला

UPT | अधिवक्ता ने किया सिविल कोर्ट में वाद दायर

Dec 04, 2024 20:33

बीते 3 दिसंबर को कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर द्वारा बनारस में दिया गया उनका एक बयान उनके लिए मुसीबत का सबब बनता दिखाई दे रहा है, उनके एक बयान से आगरा के अधिवक्ता आहत हुए हैं, जिससे उन्होंने आगरा के सिविल कोर्ट में वाद दायर किया है...

Agra News : कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने काशी में अपनी कथा वाचन के दौरान कहा था कि कश्मीर में जो ब्राह्मणों का नरसंहार हुआ उसके लिए देश के जयचंद जिम्मेदार हैं। अब देवकीनंदन ठाकुर द्वारा बनारस में कथा वाचन के दौरान दिए गए इस बयान के बाद आगरा के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह जिला एवं सत्र न्यायालय में एक वाद दायर किया है। अधिवक्ता का कहना है कि जो कथा वाचक ने कहा है, वह मिथ्या है। इससे वह आहत हुए हैं, इसलिए उन्होंने वाद दायर किया है और उन्हें चुनौती दी है।   इस मामले में किया वाद दायर ताज नगरी में हिंदुओं और धार्मिक स्थलों को लेकर वाद दायर होते रहे हैं, इसी श्रृंखला में आगरा के जिला एवं सत्र न्यायालय में कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर की बातों से आहत होकर वाद दायर किया गया है। देवकीनंदन ठाकुर ने बीते 3 दिसंबर को कथा वाचन के दौरान कहा था कि भारत के अभिन्न हिस्से कश्मीर में जो ब्राह्मणों का जनसंहार एवं कत्लेआम हुआ वह देश के जयचंदों द्वारा किया गया। इसके साथ ही देश की सनातनी संस्कृति और भारत को खतरा दूसरों से नहीं बल्कि देश के जय चंदों से है। देवकीनंदन की कथा के दौरान कही गयी यही बात आगरा के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह को खटक गई और वाद दायर कर दिया।
 
अधिवक्ता अजय प्रताप का बयान अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह का कहना है कि कश्मीर में जो ब्राह्मणों का नरसंहार हुआ था, वह जयचंदों के कारण नहीं बल्कि देश में मुस्लिम विभाजन के कारण हुआ था, कश्मीर में हुए ब्राह्मणों की नृसंक हत्या लिए देश के जय चंद नहीं बल्कि मुस्लिम जिम्मेदार थे। उन्होंने यह भी कहा कि महाराज जयचंद का अपना इतिहास रहा है, सरकारी दस्तावेजों में ऐसा कहीं नहीं है कि उन्होंने धोखा दिया हो। उन्होंने कहा कि अटाला देवी केस जौनपुर के सिविल न्यायालय में विचाराधीन है। अधिवक्ता अजय प्रताप ने कहा कि जयचंद देश का ऐतिहासिक चरित्र है। अधिवक्ता ने कहा कि भारत सरकार के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है कि जिसमें जय चंद को गद्दार पाया हो, वह गद्दार नहीं थे और न ही उन्होंने मुहम्मद गौरी का साथ दिया था। अधिवक्ता ने यह याचिका आगरा के सिविल कोर्ट में दायर की है। 

Also Read