Agra News : जलपुरुष ने कहा - पानी का प्रबंधन केवल सरकार की ही जिमेदारी नहीं, नागरिकों का भी इस पर हक है 

UPT | जलपुरुष राजेंद्र सिंह

Jul 04, 2024 22:01

आगरा भीषण जल किल्लत के दौर में है, मानसून काल के तीन महीने अगर छोड़ दिए जायें तो पेयजल व सिंचाई दोनों ही दृष्टिकोणों से पानी की जरूरत से कही कम उपलब्धता है। यहां की भूजल प्रणाली या जल भित्ति तंत्र (aquifer system ) लगातार सिमटता जा रहा है...

Agra News : जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा है कि आगरा पानी की समस्या से भले ही जूझ रहा हो, किन्तु आने वाला वक्त उज्जवल है और वह समय दूर नहीं जबकि नागरिकों को भरपूरता के साथ पानी की उपलब्धता होगी। जल पुरुष शेरोस हंगौत में पानी पंचायत को संबोधित कर रहे थे, उन्होंने कहा कि पानी का प्रबंधन केवल सरकार की ही जिमेदारी नहीं है, नागरिकों का भी इस पर हक है, फलस्वरूप उन्हें भी प्रबंधन में सहभागिता के लिए आगे आना पड़ेगा। उन्होंने पंचायत में मौजूद सदस्यों से कहा कि जो लोग उदासीन हैं, उन्हें उनके जल अधिकार के बारे में जागरूक करें और शिक्षा परिसरों में व्यापक अभियान चलाएं।   जल समस्या को लेकर हुई 'पानी पंचायत' पंचायत के पंच मंडल में शामिल, शशि शिरोमणि, ब्रिगेडियर विनोद दत्ता, डॉ.मधु भरद्वाज, राजीव खंडेलवाल, अनिल शर्मा शामिल थे। पंच मंडल ने सुनवाई के दौरान आगरा की जल समस्या के समाधान के लिए आई शिकायतों के आधार पर कार्यवाही के लिए कई महत्वपूर्ण संस्तुतियों की हैं। जिन के आधार पर सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा, समन्वय कर कार्य योजना बनाएगी।    गुरुवार को आगरा की जल समस्या पर फतेहाबाद रोड होटल कांप्लेक्स में संचालित शीरोज हैंग आउट में सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा और छाव फाउंडेशन के सहयोग से आगरा की जल समस्या को लेकर 'पानी पंचायत' हुई। जिसमें मुख्य अतिथि जलपुरुष राजेन्द्र सिंह पंच चौधरी के रूप में मौजूद थे। पंचायत में मुख्य विचार बिंदु महानगर को जल संकट के मौजूदा दौर से उबारने पर केन्द्रित अभियान से आम जनमानस को जोड़ना है।   सिंचाई विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया पंचायत के सहभागियों के द्वारा सर्वसम्मति से माना गया कि आगरा भीषण जल किल्लत के दौर में है, मानसून काल के तीन महीने अगर छोड दिए जायें तो पेयजल व सिंचाई दोनों ही दृष्टिकोणों से पानी की जरूरत से कही कम उपलब्धता है। यहां की भूजल प्रणाली या जल भित्ति तंत्र (aquifer system ) लगातार सिमटता जा रहा है, जिसका साक्ष्य है हैंडपंपों की उपयोगिता समाप्त प्राय हो जाना। सब मर्सिबल पंप भी अधिकांश क्षेत्रों में क्षमता से कही कम पानी जमीन से खींच पाते हैं। जलभित्ती तंत्र के सिमिटते जाने पर केन्द्रीय जल आयोग ने जनपद की अध्ययन रिपोर्ट भी तैयार की है, किंतु सिंचाई विभाग ने उसे भी गंभीरता से नहीं लिया है।
 यमुना नदी में पानी अत्यंत कम है बेहद कष्टकारी है कि यमुना नदी में पानी अत्यंत कम है, गोकुल बैराज बद इंतजामी ग्रस्त है। वहीं जनपद की अन्य प्रमुख नदियों से उटंगन, खारी और तेरह मोरी बांध में राजस्थान से पानी आना बंद कर रखा गया है। उटंगन नदी के हेड ‘खनुआ डैम ‘ जो कि किसी समय बाबन मोरी बांध के नाम से मशहूर था, को तो राजस्थान सिंचाई विभाग ने लगभग खारिज सा कर रखा है। इसी प्रकार यमुना नदी को गोकुल बैराज पर रोक रखा (मानसून काल के अलावा के महीनों में) है। परिणाम स्वरूप आगरा में पेयजल और सिंचाई के पानी की बेहद किल्लत है।   ये लोग रहे मौजूद  इस दौरान सीएम पाराशर, अलोक, मुईज़, सायेद शाहीन हाश्मी, डॉ पराशर गर्ग, अत्मिये इरम , डॉ.आनंद राय, प्रो.आशीष कुमार, वीरेंदर, शीतल सिंह, जहीर, अभिनय प्रसाद, डॉ.जेएन टंडन, डॉ सनाज्य कुल्श्रेस्थ, पद्मिनी, ब्रिज खंडेलवाल, अंकित, अनुष्का, स्तुति, अमिश , गोपाल, मोविन खान, गोपाल, डॉ.राजेश, ललित, प्रशांत, डॉ धीरज मोहन, पंडित अश्वनी, मन्नू, पूजा, राधाकृष्ण, रोमी, अभिजित, अर्जित शुक्ला, ईशा पुंडीर, वंदना तिवारी, स्वीटी अघिनोत्री, मुनीश, आदि उपस्थित रहे। 

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