नकली दवाई फैक्ट्री का भंडाफोड़ : 8 करोड़ से अधिक की मशीनरी जब्त, पूरे देश में फैला रखा था नेटवर्क

UPT | नकली दवाई फैक्ट्री का भंडाफोड़

Oct 22, 2024 22:31

एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने आगरा में एक सनसनीखेज खुलासा किया है। ताज नगरी में बड़े पैमाने पर नकली दवाओं का कारोबार फल-फूल रहा है।

Agra News : एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने आगरा में एक सनसनीखेज खुलासा किया है। ताज नगरी में बड़े पैमाने पर नकली दवाओं का कारोबार फल-फूल रहा है। इसके साथ ही, शहर के सटे शास्त्रीपुरम इंडस्ट्रियल एरिया में एक पूरी फैक्ट्री चल रही थी। एएनटीएफ और थाना सिकंदरा ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री का खुलासा किया है। छापे के दौरान पुलिस को 4 करोड़ रुपये से अधिक की नकली दवाइयां और करीब 4 करोड़ की मशीनरी जब्त की है। इस पूरे गैंग का सरगना विजय गोयल बताया जा रहा है।

नकली फैक्ट्री का भंडाफोड़
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) नगर सूरज राय ने नकली दवाओं के इस रैकेट का खुलासा करते हुए बताया कि एएनटीएफ आगरा यूनिट और थाना सिकंदरा ने एसीपी एएनटीएफ के नेतृत्व में 15 क्षेत्रों में संचालित एक नकली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है, जो नशीले उत्पाद और दवाओं का निर्माण करती थी। टीम ने छापा मारकर प्रतिबंधित दवाओं के साथ-साथ ऐसी दवाओं का जखीरा बरामद किया है, जिन्हें फर्जी स्टिकर लगाकर बेचा जाता था। इस कार्रवाई में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें प्रमुख अपराधी विजय गोयल शामिल है, जो पहले भी इसी तरह के मामलों में जेल जा चुका है।

8 करोड़ रुपये से अधिक की दवा जब्त
डीसीपी ने बताया कि विजय गोयल ही नकली फैक्ट्री का संचालक है और वह पहले भी थाना सिकंदरा और थाना जगदीशपुर में जेल की हवा खा चुका है। अन्य नौ आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इस मामले में करीब 8 करोड़ रुपये से अधिक की दवाइयां और मशीनरी जब्त की है। सभी आरोपियों पर एनडीपीएस एक्ट और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है। यह एक संगठित अपराध है, और इस पर कार्रवाई की जा रही है।

अनपैक्ड और पैक्ड दवाएं बरामद
पुलिस उपायुक्त सूरज राय ने बताया कि पुलिस ने सभी आरोपियों से पूछताछ की है। पूछताछ के दौरान यह जानकारी मिली है कि ये लोग दवाओं के निर्माण के लिए कच्चा माल कहां से लेते हैं, उनका परिवहन कैसे होता है, और नकली दवाएं किस तरह बाजार में बेची जाती हैं। पुलिस ने छापे के दौरान अनपैक्ड और पैक्ड दवाएं बरामद की हैं, जिनमें अल्प्राजोलम, अल्प्रासेफ, अल्जोसेफ, ट्रामाडोल और प्रॉक्सीवेल कैप्सूल शामिल हैं।

पूरे देश में फैला है नेटवर्क
डीसीपी ने बताया कि पूछताछ में यह जानकारी मिली है कि नकली दवाओं के लिए कच्चे माल, मशीनरी और पैकेजिंग उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश से लाई जाती थी। यह फैक्ट्री मैन्युफैक्चरिंग, लेबलिंग, पैकिंग और सीलिंग का काम करती थी, और देश के विभिन्न राज्यों में बेची जाती थी। इस काम की पूरी जिम्मेदारी विजय गोयल और नरेंद्र शर्मा की थी, जो दवाओं के विक्रय का काम देखते थे। इस गैंग का नेटवर्क आगरा और आसपास के जनपदों में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में फैला हुआ है। विजय गोयल और नरेंद्र शर्मा छह महीने के बाद अपना स्टाफ, कार्य स्थल और गोदाम बदल देते थे, जिससे वे पुलिस की नजर में न आएं। यह लोग वित्तीय लेनदेन हवाला के जरिए करते थे ताकि किसी सरकारी संस्था की नजर में न आ सकें। 

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