हाथरस हादसे के बाद प्रेमानंद का संदेश : महाराज ने अनिश्चितकाल के लिए अपनी यात्रा की स्थगित, पोस्ट कर दी जानकारी

UPT | प्रेमानंद महाराज

Jul 04, 2024 12:11

मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए देश भर से लोग इकट्ठा होते हैं। लेकिन हाल ही में आश्रम के प्रबंधन ने एक अहम निर्णय लिया है। यूपी के हाथरस में हुई एक घटना...

Mathura News : मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए देश भर से लोग इकट्ठा होते हैं। लेकिन हाल ही में आश्रम के प्रबंधन ने एक अहम निर्णय लिया है। यूपी के हाथरस में हुई एक घटना के बाद आश्रम ने संदेश जारी किया। जिसमें बताया कि अब रात के समय में प्रेमानंद महाराज के दर्शन को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। इस निर्णय के पीछे भक्तों की सुरक्षा और सुविधा की प्राथमिकता है। प्रेमानंद महाराज के आश्रम में दर्शन पाने के लिए रात्रि के समय में लाखों लोग वृंदावन इकट्ठा होते हैं।

संत प्रेमानंद महाराज ने अनुयायियों को दिया संदेश
संत प्रेमानंद महाराज ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से अपने अनुयायियों के लिए एक संदेश जारी किया है। जिसमें उन्होंने श्री हरिवंश को नमस्कार करते हुए हाथरस में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उन्होंने यह भी प्रकट किया कि वे सभी पीड़ित परिवारों के साथ हैं और भविष्य में इस तरह की कोई भी घटना न हो इसकी प्रार्थना की है। उन्होंने भी सुचेत रखने की अपील की है कि ऐसे समय में सभी श्रद्धालु अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें। उन्होंने बताया कि उनकी पदयात्रा के दौरान रात्रि 02:15 बजे वे श्री हित राधा केलि कुंज जाते हैं, जहां सभी अपने दर्शन पा सकते हैं, लेकिन इस अनिश्चित समय में यह स्थान बंद कर दिया गया है। उन्होंने आगाह किया कि कृपया रात्रि में इस स्थान के रास्ते में खड़े न हों और भीड़ न लगाएं।
 
हजारों भक्तों को देते थे दर्शन
बता दें कि प्रेमानंद महाराज रात करीब सवा 2 बजे अपने निवास स्थान से अपने आश्रम श्री राधाकेली कुंज की ओर पैदल चलते हैं। उनके आश्रम का स्थान इस्कॉन मंदिर के पास परिक्रमा रोड पर है। इस रास्ते में वे रोजाना हजारों भक्तों को दर्शन देते हैं। प्रेमानंद महाराज की रात्रि की यात्रा का मुख्य उद्देश्य भक्तों के दर्शन देना होता है। वे यात्रा के दौरान मन्दिरों और साधु-संतों के आश्रमों का दौरा करते हैं, और भक्तों से आत्मिक बातचीत करते हैं। इसके अलावा महाराज जी अपने शिष्यों को ध्यान और भक्ति में निरंतर उन्मुख रहने के लिए प्रेरित करते हैं।

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