ग्राम पंचायतों में सरकारी धन का दुरुपयोग : ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव पर लगे गबन के गंभीर आरोप, कारण बताओ नोटिस जारी

UPT | खराब पड़ा हैंडपंप।

Dec 03, 2024 21:37

जिलाधिकारी की ओर से नामित जांच टीम ने बलदेव ब्लॉक की ग्राम पंचायत किशनपुर में भ्रष्टाचार का मामला उजागर किया है। इसके परिणामस्वरूप ग्राम प्रधान और सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

Mathura News : ग्राम पंचायतों में अधिकारी और प्रधानों के बीच मिलीभगत के कारण सरकारी धन का खुलकर दुरुपयोग हो रहा है। यह मामला बल्देव ब्लॉक की ग्राम पंचायत किशनपुर से सामने आया है, जहां ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव पर सरकारी धन के गबन के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) विभाग के कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त प्रधान को आशीर्वाद दे रहे हैं और इस मामले में कोई सख्त कदम नहीं उठा रहे हैं। 



जांच रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि
जिलाधिकारी द्वारा गठित जांच टीम ने ग्राम पंचायत किशनपुर में सरकारी धन के गबन की रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। रिपोर्ट में यह साफ तौर पर बताया गया कि हेंडपम्प के रीबोर के नाम पर लगभग ढाई लाख रुपये का गबन किया गया है। इसके बाद जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान शीला देवी और पंचायत सचिव को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें यह पूछा गया था कि क्यों न उनके वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए जाएं। यह कार्रवाई इस गंभीर आरोप के बाद उठाए जाने वाली पहली कदम थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

अधिकारियों की निष्क्रियता
ग्राम पंचायत किशनपुर के प्रधान पर आरोप तय हो चुके हैं, लेकिन डीपीआरओ की तरफ से मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। शिकायतकर्ता एडवोकेट नंदकिशोर पाराशर ने डीएम से इस भ्रष्टाचार की शिकायत की थी और जिलाधिकारी ने जांच टीम के आधार पर नोटिस जारी किया था। हालांकि, नोटिस जारी किए गए एक माह से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।

शिकायतकर्ता अधिकारियों के पास बार-बार जा रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। जब इस मामले पर डीपीआरओ किरण चौधरी से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनके कर्मचारी ने यह कहकर फोन काट दिया कि वह फील्ड विजिट पर हैं। इस तरह की लापरवाही से यह सवाल उठता है कि आखिरकार जिम्मेदार अधिकारियों को इस गंभीर मुद्दे पर क्यों चुप्पी साध रखी है?

किसान और गांववासियों के लिए गंभीर समस्या
ग्राम पंचायतों में इस तरह के भ्रष्टाचार से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ता है। सरकारी धन का दुरुपयोग न केवल ग्रामीणों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि इससे गांवों में जरूरी विकास कार्य भी रुक जाते हैं। हेंडपम्पों के रीबोर के नाम पर हुए गबन से ग्रामीणों को जल संकट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा है, लेकिन जिम्मेदार लोग अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए मामले को अनदेखा कर रहे हैं।

आगे की राह
इस मामले में कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया जा सके। ग्राम पंचायतों में हुए घोटालों की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई से ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय की उम्मीद बढ़ेगी। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि सरकारी धन का सही तरीके से इस्तेमाल हो और जो लोग इसे गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। 

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