Sanjay Singh News : संजय सिंह के खिलाफ यूपी कोर्ट ने जारी किया वारंट, चुनाव आचार संहिता से जुड़ा है मामला

UPT | Sanjay Singh

Jun 20, 2024 16:09

उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने संजय सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। बता दें कि यह वारंट एमपी-एमएलए कोर्ट की तरफ से जारी किया...

Short Highlights
  • अदालत ने संजय सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है
  • संजय सिंह को 29 जून को कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा गया है
  • जमानती वारंट सुलतानपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने जारी किया है
Sultanpur News :  दिल्ली शराब घोटाला मामले में जमानत पर जेल से बाहर आए AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने संजय सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। बता दें कि यह वारंट एमपी-एमएलए कोर्ट की तरफ से जारी किया गया। जिसके अनुसार, संजय सिंह को 29 जून को कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा गया है। ये वारंट कोर्ट ने चुनाव आचार संहिता से जुड़े एक मामले में जारी किया है।

संजय सिंह ने दी प्रतिक्रिया
वहीं यूपी कोर्ट का आदेश आते ही आप नेता ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। राज्यसभा सांसद ने कहा कि मुझे एक पुराने मामले में सुलतानपुर की कोर्ट से जमानती वारंट जारी हुआ है। मीडिया में गैर जमानती वारंट की गलत खबर चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि कृपया त्रुटि सुधार लें। दरअसल, राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ यह जमानती वारंट सुलतानपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने जारी किया है। यह मामला बंधुआकलां थाने से जुड़ा हुआ है। जहां आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने जिला पंचायत चुनाव में बिना इजाजत के पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा की थी। जिसके बाद उनके खिलाफ नोटिस जारी हुआ था। लेकिन नोटिस जारी होने पर वो अदालत में पेश नहीं हुए थे।

इस मामले में हुई एफआईआर
जानकारी के अनुसार, एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने ये आदेश जारी किया है। बता दें कि संजय सिंह सुलतानपुर के रहने वाले हैं। विशेष लोक अभियोजक वैभव पांडेय की मानें तो 13 अप्रैल 2021 को थानाध्यक्ष प्रवीन कुमार सिंह ने सांसद के खिलाफ एफआईआर लिखवाई थी। जिसके अनुसार, संजय सिंह पर ये आरोप है कि उन्होंने हसनपुर गांव में अपनी पार्टी की जिला पंचायत सदस्य सलमा बेगम के समर्थन में बिना इजाजत लिए सभा की थी। इस सभा में  करीब 50 से 60 लोग शामिल थे। ऐसे में इस सभा को कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन माना गया था और उनपर मामला दर्ज हुआ था।

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