Ballia News : बाढ़ के पानी से घिरा सुल्तानपुर गांव, लोग छत पर रहने को मजबूर और प्रशासन बेखबर

UPT | बाढ़ के पानी से घिरा फेफना थाना क्षेत्र का सुल्तानपुर गांव

Sep 19, 2024 00:33

बलिया जिले के सदर तहसील क्षेत्र में सुल्तानपुर गांव बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिरा हुआ है। इसके चलते लोगों के घरों में पानी घुसने लगा...

Ballia News : सदर तहसील क्षेत्र में सुल्तानपुर गांव बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिरा हुआ है। इसके चलते लोगों के घरों में पानी घुसने लगा है। गांव का एक हिस्सा पानी से घिर गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि हम सब तीन दिन से छत के ऊपर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने सुध तक नहीं ली है। इसको लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश दिख रहा है।




फेफना थाना क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत पक्काकोट के सुल्तानपुर का है, जहां पर बाढ़ का पानी गांव के कुछ हिस्सों को चारों तरफ से घेर लिया है। इसके चलते लोगों का आवागमन बंद है, लेकिन प्रशासन के तरफ से इन्हें अभी तक कोई मदद नहीं मिल पाई है। इसकी जानकारी देते हुए ग्राम निवासी सुनिल राजभर, हलचल राजभर, अनु राजभर, मनकिया देवी, कोशिका देवी आदि ने बताया कि बाढ़ के कारण हम लोगो का रास्ता बंद हो गया है। पानी तेजी के साथ बढ़ रहा है रात को घर में पानी के साथ साथ सांप- बिच्छू के आने का भय बना रहता है।

घर में रखा राशन नहीं बचा
बाढ़ क्षेत्र में रहने वाले लोगों के पास घरों के चारों तरफ पानी हो गया है। इसके चलते वह बाहर नहीं जा पा रहे हैं। लोगों को घर में खाने के लिए कुछ नहीं बचा है। उनका कहना है कि हम लोगों कि फसलें भी खराब हो गई हैं, जिसके चलते अब राशन की भी उम्मीद नहीं बची है।

बाढ़ क्षेत्र में नहीं है कोई स्वास्थ्य सुविधा
बता दें कि बाढ़ से घिर जाने के कारण लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रात में अगर खुदा ना खाता किसी को कुछ हो जाए या किसी की तबीयत खराब हो जाए तो यहां आस-पास में इलाज कराने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि पानी में जहरीले जंतु सांप बिच्छू आ रहे हैं और उनके घर में घुसने एवं कोई अनहोनी होने का भय सत्ता रहा है।

धान एवं बाजरे की फसलें हुई तबाह
इलाके के पक्काकोट निवासी नागेंद्र यादव ने बताया कि बाढ़ के कारण क्षेत्र में लगभग 30 से 40 बीघा धान की फैसले पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। साथ ही भारी मात्रा में मक्का एवं बाजरे की फसले भी तबाह हो गई है। जिससे मवेशियों को खिलाने के लिए चारा की कील्लत होने की संभावना बढ़ गई है।

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