प्रदूषण बोर्ड का आदेश हाईकोर्ट से खारिज : बरेली नगर निगम का मॉर्डन स्लाटर हाउस तुरंत खोलने के निर्देश, जानें मामला...

UPT | प्रदूषण बोर्ड का आदेश हाईकोर्ट से खारिज।

Jul 11, 2024 17:42

हाईकोर्ट लखनऊ की दो सदस्यीय खंडपीठ ने बरेली नगर निगम की आधुनिक पशु वधशाला (माडर्न स्लाटर हाउस) को तुरंत खोलने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश को खंडपीठ ने खारिज कर दिया है। इससे हजारों लोगों के सामने बेरोजगारी का संकट खत्म हो जाएगा।

Bareilly News : इलाहाबाद हाईकोर्ट (उच्च न्यायालय) की लखनऊ खंडपीठ ने बरेली नगर निगम की आधुनिक पशु वधशाला (माडर्न स्लाटर हाउस) को तुरंत खोलने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश को खंडपीठ ने खारिज कर दिया है। इससे हजारों लोगों के सामने बेरोजगारी का संकट खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही मीट की आपूर्ति से सब्जियों के दाम में कमी आएगी। बरेली में नगर निगम का मॉर्डन स्लॉटर हाउस पीपीपी मॉडल पर मारिया फ्रोजन एग्रो फूड प्रोडक्ट्स कंपनी संचालित करती है। इस स्लॉटर हाउस को पिछले दिनों उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने क्षमता से अधिक पशु कटान होने के आरोप में बंद कराया था। 

पहले भी खुला था हाईकोर्ट के आदेश पर
बरेली नगर निगम के मॉडर्न स्लॉटर हाउस को 18 महीने पहले भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आरोप लगाकर बंद किया था। मगर, हाईकोर्ट में आरोप फर्जी मिले। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर खुला था। इस बार भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के खिलाफ संचालित कंपनी हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ की शरण में पहुंची। कंपनी के डायरेक्टर सरफराज अहमद अंसारी ने बताया कि 2 साल पहले भी इसी शिकायत के आधार पर मॉर्डन स्लॉटर हाउस बंद कर दिया गया था, जबकि जांच में सभी आरोप गलत पाए गए थे। एक बार फिर इसी तरह से बंदी की गई। इस मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का आदेश खारिज कर दिया है। 

पूर्व राज्यसभा सदस्य अधिवक्ता ने रखा मजबूती से पक्ष
बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चंद्र मिश्रा, कार्तिक दुबे, हाजी शकील कुरेशी, आशीष कुमार सिंह और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता असद अल्वी ने मारिया फ्रोजन एग्रो फूड प्रोडक्ट्स की तरफ से खंडपीठ के सामने अपना तर्क पूर्ण पक्ष रखा। उन्होंने मजबूती से बहस की। इसके बाद खंडपीठ ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश को खारिज कर दिया। कंपनी के निदेशक सरफराज अहमद अंसारी ने मीडिया को बताया कि न्याय  मूर्ति राजन राय और ओपी शुक्ला की दो सदस्य खंडपीठ ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बंदी आदेश को असंवैधानिक मानते हुए आदेश को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही भविष्य में इस तरह के पुनरावृत्ति न करने के निर्देश दिए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को बिना शासन की अनुमति के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को असंवैधानिक आदेश पारित न करने को कहा है।

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