बरेली कोर्ट से मिला न्याय : पहले किया जानलेवा हमला, फिर ले ली जान, इस मामले में मिली 10 साल की सजा

फ़ाइल फोटो | कोर्ट की फाइल फोटो

Feb 16, 2024 19:17

बरेली के भुता थाना क्षेत्र के गूंगा गांव निवासी लालता प्रसाद (42 वर्ष) पर 20 मार्च, 2019 को जान से मारने की नियत से आरोपी रविंद्र, रामदयाल, और दीपक ने जानलेवा हमला किया था।

Bareilly News : उत्तर प्रदेश के बरेली के भुता थाना क्षेत्र के गूंगा गांव निवासी लालता प्रसाद (42 वर्ष) पर 20 मार्च, 2019 को जान से मारने की नियत से आरोपी रविंद्र, रामदयाल, और दीपक ने जानलेवा हमला किया था। आरोपियों पर तमंचे से फायरिंग करने का भी आरोप है। इसमें वह घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विवेचना कर रही थी। मगर, इसी दौरान आरोपियों ने पीड़ित लालता प्रसाद की हत्या कर दी। शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तबरेज अहमद ने आरोपी रविंद्र को 10 वर्ष की कैद और 10 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इसके साथ ही जल्द हत्या के मामले में भी फैसला आने की उम्मीद है।

मृतक ने जानलेवा हमले का दर्ज कराया था मुकदमा
मृतक लालता प्रसाद ने 20 मार्च, 2019 को गांव के ही आरोपी रविंद्र, दीपक कुमार, और रामदयाल पर गाली गलौज कर जान से मारने की नीयत से तमंचे से हमला करने का थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें लालता प्रसाद के साथ आरोपियों ने मारपीट की। जिसके चलते वह घायल हो गए। उनका थाने के होमगार्ड रामप्रसाद ने जिला अस्पताल में  इलाज को भर्ती कराया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच की। इस मामले में कोर्ट में गवाह राजपाल, उनकी पत्नी रामवती, सब इंस्पेक्टर तेजराम, मेडिकल करने वाले डॉ.दिनेश कुमार वर्मा, सब इंस्पेक्टर हरि सिंह और धर्मेंद्र गिरी ने गवाही दी थी। इन गवाहों को सुनने के बाद शुक्रवार को अपराध न्यायाधीश तबरेज अहमद ने आरोपी रविंद्र कुमार को 10 वर्ष की सजा और, 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जमाने की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा होगी।

हत्या के मामले में चल रही है सुनवाई
आरोपी रविंद्र ने जानलेवा हमला करने के कुछ समय बाद लालसा प्रसाद की हत्या कर दी थी। जिसके चलते आरोपियों के खिलाफ अपराध संख्या 1092/22 के तहत धारा 302, 120 बी में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में न्यायालय में सुनवाई चल रही है, जल्द ही सजा होने की उम्मीद है। आरोपी रविंद्र की तरफ से एडवोकेट रूप राम राठौर, और रामदयाल की तरफ से एडवोकेट जेपी गंगवार ने पैरवी की। पीड़ित की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सचिन जायसवाल ने पैरवी की।

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