बरेली के बिल्डर रमेश गंगवार पर इनकम टैक्स का शिकंजा : ट्यूलिप टावर में 500 करोड़ की टैक्स चोरी की आशंका, मोबाइल कब्जे में लिए

UPT | फाइल फोटो

Apr 04, 2024 23:39

बिल्डर रमेश गंगवार पर इनकम टैक्स (आईटी) का शिकंजा कसता जा रहा है। टीम के ट्यूलिप टावर में करीब 500 करोड़ रूपये के टैक्स चोरी की बात सामने आई है। इसके साथ ही यूपी से लेकर उत्तराखंड तक में बड़े टैक्स के मामले में पकड़ में आए हैं। जिसके चलते आईटी टीम ने रमेश गंगवार के मोबाइल फोन कब्जे में ले लिए हैं। उनसे टीम घर, और ऑफिस से मिले अभिलेखों से जुड़े मामलों में पूछताछ कर रही है।

Bareilly news : शहर के बिल्डर रमेश गंगवार पर इनकम टैक्स (आईटी) का शिकंजा कसता जा रहा है। टीम के ट्यूलिप टावर में करीब 500 करोड़ रूपये के टैक्स चोरी की बात सामने आई है। इसके साथ ही यूपी से लेकर उत्तराखंड तक में बड़े टैक्स के मामले में पकड़ में आए हैं। जिसके चलते आईटी टीम ने रमेश गंगवार के मोबाइल फोन कब्जे में ले लिए हैं। उनसे टीम घर, और ऑफिस से मिले अभिलेखों से जुड़े मामलों में पूछताछ कर रही है। उनके करीबी कारोबारियों, और ब्यूरोक्रेट्स से भी जुड़े कुछ अभिलेख मिले हैं। इससे हड़कंप मचा है। आईटी रेड में सही से सर्च (जांच) होने पर अरबों रूपये के बड़े खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, इस मामले में आईटी टीम की तरफ से गुरुवार को भी कोई बयान जारी नहीं किया गया।

ब्यूरोक्रेट्स,और नेताओं से मजबूत रिश्ते
टीम ने बिल्डर रमेश गंगवार, और उनके बेटे के बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी है। घर में किसी भी बाहरी की नो एंट्री है। रमेश गंगवार के एक पार्टनर का नाम भी इनकम टैक्स की टीम के सामने आया है। आईटी टीम ने महानगर के पास टयूलिप टावर से तीन गाड़ी प्रापर्टी, बैंक की रजिस्ट्री, एग्रीमेंट, और स्टेटमेंट के दस्तावेज बरामद किए हैं। रमेश के यूपी के कई ब्यूरोक्रेट्स, और विपक्षी पार्टियों के कई नेताओं से अच्छे रिश्ते हैं। जांच में इनका भी नाम आने की की उम्मीद जताई जा रही है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें, कई विपक्षी नेताओं, और ब्यूरोक्रेट्स की बड़ी रकम भी लगी है।उन्होंने अफसरों से खास संबंधों में पीडब्ल्यूडी से लेकर बिजली विभाग, और बीडीए में करोड़ों रूपये के काम किए हैं। उनकी सत्य साईं कंस्ट्रक्शन कंपनी के डीडीपुरम स्थित ऑफिस पर बुधवार सुबह टीम पहुंची थी। यह सर्च गुरुवार रात तक जारी थी।

नजदीकियों की तलाश में टीम
रमेश गंगवार बार-बार राजनीति का दरवाजा खटखटाने की कोशिश कर रहे थे। इनकम टैक्स की रेड से शहर के कई बिल्डर बेनकाब हो गए हैं। नवाबगंज के दलेलनगर निवासी आम आदमी से अरबपति बिल्डर, और ठेकेदार रमेश गंगवार के घर से मिली डायरी में बीडीए के कुछ पर्चे भी बरामद हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक रमेश गंगवार उत्तराखंड के देहरादून में 100 करोड़ से पार्क, और सड़क बनवा रहे थे। 100 करोड़ का काम प्रयागराज में भी मिला हुआ है। इसके अलावा उनके नैनीताल, काशीपुर, देहरादून, लखनऊ, बरेली, नोएडा और दिल्ली में कई फ्लैट होने के दस्तावेज मिलने की बात सामने आई है। बीडीए से 200 करोड़ से ज्यादा का काम रमेश गंगवार की फर्म को मिला। रमेश गंगवार ने सभी बड़े काम वेजबाइन कंपनी को सबलेट कर दिए। इसी कंपनी में स्मार्ट सिटी के कांट्रेक्टर और अक्षर विहार के तालाब पर कब्जा करने वाले संदीप उर्फ मोनू झावर और उनके एक सीए (एडवोकेट) पार्टनर का नाम भी सामने आया है। इसके अलावा पीलीभीत के दो बड़े बिल्डर, शहर के सबसे बड़े फोम और गद्दा फैक्ट्री, शोरूम मालिक के भाई, और बदायूं रोड से लेकर अयूब खां चौराहे पर कांपलेक्स के मालिक दोनों भाइयों के खिलाफ काफी साक्ष्य इनकम टैक्स की टीम को मिले हैं।

यूपी के कई शहरों में जांच में जुटी टीम
बरेली में बुधवार से लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज की इनकम टैक्स की टीमों की रेड से खलबली मची हुई है। जिन लेागों को हाउस अरेस्ट किया गया है। उनके घर पर काम करने वाले नौकरों को भी आने जाने नहीं दिया गया है। उनके लिए फूड पैकेट मंगाए गए हैं। सभी के मोबाइल जब्त हैं। रमेश गंगवार के दो पार्टनर राजेंद्रनगर, और बीडीए आफिस के पास रहने वाले के जरिए इनकम टैक्स की टीम को ऐसे सबूत मिले हैं। जिनके जरिए टैक्स चोरी कर सरकार को करोड़ों का चूना लगाने वाले बिल्डरों का बचना नामुमकिन है। इनकम टैक्स की टीमों ने डायरी से मिले नाम, और मोबाइल नंबर, बीडीए के ठेके सबलेट के पर्चे और हिसाब, बैंक खातों में करोड़ों के लेनदेन से अब तक करीब 500 करोड़ का खाका तैयार किया है। सभी से अपनी प्रापर्टी घोषित करने को कहा जा रहा है। बिल्डरों से घोषित प्रापर्टी पर हिसाब न देने पर 70 प्रतिशत तक टैक्स वसूला जाएगा। इसके अलावा 35 प्रतिशत, और जुर्माना लगाया जा सकता है। शहर के एक बड़े फोम, और गद्दों के कारोबारी भी अब इनकम टैक्स के घेरे में आ गए हैं।

चुनावी माहौल के बीच रेड
आईटी की रेड तचुनावी माहौल के ठीक बीचों बीच पड़ी है। इसने सभी को चौंका दिया है। अभी तक यह तो साफ नहीं हुआ है कि रिकवरी क्या हुई है, लेकिन उनके कई ठिकानों, और कई करीबियों को गहराई से खंगाला जा रहा है। वह चाहें अफसर हों या नेता,उनके कई नजदीकी माने जाने वालों के माथों पर पसीना है। क्योंकि, यह माना जा रहा है कि अगर जांच का दायरा बढ़ा, तो एक बड़ा तूफान आ सकता है। फिलहाल इनकम टैक्स विभाग की ओर से अभी तक आधिकारिक रूप से कुछ भी बोला नहीं गया है। नजजदीकियों, और रिश्तेदारों तक भी जो जमीनों को गिरवी रखकर बैंक गारंटी का खेल करने के अभ्यस्त बताये जाते हैं। आधिकारिक रूप से किसी की भी ओर से कुछ भी नहीं कहा गया है।

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