भू-माफिया की चाल में फंसा हाईवे प्रोजेक्ट : 58 करोड़ का जमीनी खेल, अधिकारियों और 19 लोगों की करतूत आई सामने

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Sep 14, 2024 18:14

बरेली-सितारगंज हाईवे के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान अधिकारियों और 19 प्रभावशाली व्यक्तियों ने मिलकर पीलीभीत जिले में 58.91 करोड़ रुपये का घोटाला किया...

Pilibhit News : बरेली-सितारगंज हाईवे के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान अधिकारियों और 19 प्रभावशाली व्यक्तियों ने मिलकर पीलीभीत जिले में 58.91 करोड़ रुपये का घोटाला किया। मंडलायुक्त की बनाई गई पांच सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में इस मामले का खुलासा हुआ है। समिति ने आश्चर्य जताया है कि यदि खरीदारों को हाईवे की ज़द में आने वाले भूखंडों के बारे में जानकारी नहीं थी, तो उन्होंने कैसे सटीक स्थान पर भूखंड खरीद लिए।

सांठगांठ करके 27 गांवों में जमीन खरीदी
जांच में यह पता चला है कि बाहरी क्षेत्रों से आए 19 रसूखदारों और उनके परिवारों ने हाईवे की अधिसूचना जारी होने के तुरंत बाद सांठगांठ करके 27 गांवों में जमीन खरीदी। इनमें रामपुर, दिल्ली, ऊधमसिंह नगर, लखनऊ, नोएडा और बरेली के खरीदार शामिल हैं। स्थानीय लोगों को नौकरी और अन्य प्रलोभनों का लालच देकर स्थानीय दलालों, जैसे रमेश गुप्ता ने इन भूखंडों की खरीद-फरोख्त करवाई।

ये कर्मचारी और अधिकारी इस घोटाले के लिए जिम्मेदार
जांच समिति के अनुसार, नियमों के खिलाफ परिसंपत्तियों का सर्वेक्षण और मूल्यांकन रिपोर्ट प्रदान करने वाली एसए इंफ्रा स्ट्रक्चर कंसल्टेंट कंपनी, एनएचएआई, राजस्व विभाग, सक्षम प्राधिकारी कार्यालय और लोक निर्माण विभाग के संबंधित कर्मचारी और अधिकारी इस घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं। मंडलायुक्त ने इन पर कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी है।

समिति ने जताई हैरानी
जांच में पता चला है कि बाहरी लोगों ने अधिक मुआवजा प्राप्त करने की योजना के तहत संगठित होकर और योजनाबद्ध तरीके से जमीन खरीदी। इनमें से कुछ व्यक्तियों ने एक से अधिक गांवों या जिलों में भूमि खरीदी। जहां भी एनएचएआई की परियोजना प्रस्तावित थी, उन्होंने वहीं जमीन खरीद ली। समिति ने इस पर हैरानी जताई है कि यदि खरीदारों को हाईवे की ज़द में आने वाले भूखंडों के बारे में जानकारी नहीं थी, तो उन्होंने सटीक स्थान पर कैसे जमीन खरीद ली।

जांच समिति की रिपोर्ट शासन को भेजी गई
हाईवे के लिए प्रस्तावित भूखंडों की जानकारी आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं होती, जिससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि योजना बनाकर और संगठित तरीके से व्यक्तिगत वित्तीय लाभ के लिए सरकारी धन को नुकसान पहुंचाया गया है। बरेली जिले के संबंधित गांव की 10 सितंबर को प्राप्त जांच रिपोर्ट में 21.52 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था। मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने बताया कि मंडलीय जांच समिति की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है और जो भी दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे, उनका अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

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