बस्ती CMO का अजीबोगरीब दावा : जिला अस्पताल में बढ़ रहे मौत के आंकड़ों पर बोले- 'अच्छी सुविधाएं दे रहे इसलिए...'

UPT | बस्ती CMO का अजीबोगरीब दावा

Sep 24, 2024 17:20

बस्ती जिले मुख्य चिकित्साधिकारी रमा शंकर दुबे ने जिला अस्पताल में बढ़ रहे मौत के आंकड़ों पर एक अजीबोगरीब बयान दिया है। उनका कहना है कि अस्पताल में अच्छी सुविधाएं मिल रही हैं

Short Highlights
  • बस्ती CMO का अजीबोगरीब दावा
  • मौत के आंकड़ों पर किया अजीब दावा
  • बोले- सरकारी अस्पताल आ रहे मरीज
Basti News : बस्ती जिले मुख्य चिकित्साधिकारी रमा शंकर दुबे ने जिला अस्पताल में बढ़ रहे मौत के आंकड़ों पर एक अजीबोगरीब बयान दिया है। उनका कहना है कि अस्पताल में अच्छी सुविधाएं मिल रही हैं, यही कारण है कि यहां मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। सीएमओ ने इसे ही बढ़ते मौत के आंकड़ों की वजह बताया। अब उनके इस बयान पर विवाद छिड़ गया है।

जानिए सीएमओ ने क्या कहा
सीएमओ रमा शंकर दुबे ने कहा कि सरकारी अस्पतालों ने इतनी अच्छी सुविधा मिल रही कि दूर-दराज से मरीज भी यहां इलाज के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, यही वजह है कि मौत के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं। सीएमओ ने आगे कहा कि जिला अस्पताल और महिला अस्पताल में पिछले दो महीने में आए मरीज की मृत्यु दर काफी ज्यादा है। लेकिन ये भी सच है कि मरीजों का विश्वास अब सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा है।

'प्राइवेट की जगह सरकारी अस्पताल आ रहे'
सीएमओ ने कहा कई मरीज ऐसे भी हैं, जो प्राइवेट अस्पताल से इलाज करवाकर हार मान चुके हैं और अब सरकारी अस्पताल की तरफ रुख कर रहे हैं। उन्होंने खुलासा किया कि बस्ती में 5 डॉक्टर ऐसे भी हैं, जो पिछले कई साल से लापता था। उनकी जानकारी सिर्फ कागजों में थी, लेकिन स्वास्थ्य महकमे को उनके बारे में कुछ पता नहीं था। ऐसे लोगों की जानकारी भी शासन को दी गई।

क्या इतने सुधर गए बस्ती में हालात?
सीएमओ के दावे को देखें तो ऐसा लगेगा कि जैसे रामराज्य में आ गए हों। अब बताइए भला, जब प्राइवेट अस्पताल छोड़कर लोग सरकारी अस्पताल में आ रहे हों, तो ये रामराज्य ही हुआ ना। लेकिन क्या असलियत यही है? ज्यादा पुरानी बात नहीं है। महज 25-26 दिन पहले ही बस्ती के जिला अस्पताल में पानी भरने का वीडियो वायरल हुआ था। डॉक्टर और मरीज दोनों घुटने तक भरे पानी को पार करके अस्पताल में पहुंच रहे थे। जुलाई महीने में बस्ती के महिला अस्पताल में इंजेक्शन लगाने से प्रसूताओं के हालत बिगड़ गई थी। खैर, सीएमओ कह रहे हैं, तो सच ही कह रहे होंगे।

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