Chitrakoot News : कृषि श्रमिकों से संवाद में छलका अभावों और उपेक्षा का दर्द, खेतिहर श्रमिकों के आर्थिक सशक्तिकरण राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ समापन

UPT | राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

Jun 30, 2024 22:25

चित्रकूट महात्मा गाँधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, दीनदयाल शोध संस्थान और म.प्र. जन अभियान परिषद के संयोजकत्व में भूमिहीन कृषि श्रमिकों के आर्थिक सशक्तिकरण पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन रविवार को...

Chitrakoot News: चित्रकूट महात्मा गाँधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, दीनदयाल शोध संस्थान और म.प्र. जन अभियान परिषद के संयोजकत्व में भूमिहीन कृषि श्रमिकों के आर्थिक सशक्तिकरण पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन रविवार को कृषि श्रमिकों की बेहतरी के प्रस्ताव चित्रकूट घोषणा के साथ सम्पन्न हुआ।

खेतिहर श्रमिकों के लिए पांच सूत्रीय कार्य योजना महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के बाल्मीकि सभागार और बोर्ड रूम रजत जयंती सभागार से संपन्न हुई दो दिवसीय संगोष्ठी में विभिन्न राज्यों के 15 से अधिक विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों, शोधकर्ता, चिन्तकों, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रशासन और नीति निर्माण से जुड़े अनेक विद्वानों ने सहभागिता की। समापन सत्र में चित्रकूट घोषणा भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय संगठन सचिव सुरेन्द्रन ने प्रस्तुत की। जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित किया। उन्होंने ने खेतिहर श्रमिकों के लिए पांच सूत्रीय कार्य योजना और भविष्य का रोडमैप प्रस्तुत किया। समापन सत्र में ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भरत मिश्र, दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन, पूर्व अपर मुख्य सचिव बी.आर. नायडू उपस्थित रहे। सामाजिक समरसता के राष्ट्रीय संयोजक श्याम प्रसाद ने संगोष्ठी के विविध आयामों पर प्रकाश डाला। समापन सत्र की अध्यक्षता जन अभियान परिषद् के कार्यपालक निदेशक डॉ. धीरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने की। संगोष्ठी का सार वक्तव्य पूर्व केन्द्रीय मंत्री संजय पासवान ने प्रस्तुत किया।

श्रमिकों ने भी अपनी समस्याओं को विस्तार से रखा
उन्होंने कृषि श्रमिकों के आर्थिक सशक्तिकरण पर आधारित इस संगोष्ठी को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि जिस समग्रता से इस विषय पर बातचीत हुई है भविष्य की रूपरेखा बनी उससे विश्वास है कि इसके दूरगामी परिणाम आएंगें। उन्होंने वर्तमान भारतीय समाज को दो वर्गों में विभाजित बताया और कहा कि एक वर्ग विशेष है और दूूसरा शेष। अर्थात एक शासकीय योजनाओं में लाभ की दृष्टि से प्रमुख है और दूसरा नहीं। कार्यपालक निदेशक डॉ. धीरेन्द्र कुमार पांडेय ने भूमि अभिलेख और भूमि आवंटन के दस्तावेजों के रखरखाव के लिए अत्याधुनिक सेटेलाइट टेक्नोलॉजी की वकालत की। इस मौके पर महिला खेतिहर श्रमिकों ने भी अपनी समस्याओं को विस्तार से रखा।

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