गोंडा में डायरिया का कहर : तीन बच्चों की मौत से गांव में हड़कंप, 6 लोगों का सीएचसी में चल रहा इलाज

UPT | गांव में जांच करती स्वास्थ्य विभाग की टीम

Sep 10, 2024 15:49

गोंडा जिले के इटियाथोक विशुनपुर संगम के मजरा मधईजोत में डायरिया फैलने से एक परिवार की दो सगी बहन और एक अन्य बच्चे की मौत से गांव में हड़कंप मच गया। डायरिया से पीड़ित तीन दिनों के भीतर तीन बच्चों की मौत से गांव के लोगों में दहशत व्याप्त है।

Gonda News : गोंडा जिले के इटियाथोक क्षेत्र में स्थित विशुनपुर संगम के मजरा मधईजोत में डायरिया के प्रकोप ने तीन दिनों के भीतर तीन मासूम जीवन छीन लिए हैं। जिससे गांव में दहशत का माहौल बन गया है। डायरिया से एक ही परिवार की दो बहनों सहित एक अन्य बच्चे की मृत्यु हो गई है।

सीएचसी अधीक्षक डा सुनील पासवान ने बताया कि मृतकों में सबसे छोटी एक 25 दिन की नवजात शिशु और उसकी बड़ी बहन पल्लवी तिवारी (8 वर्ष) पुत्री मनीष तिवारी भी इस बीमारी का शिकार हो गई। तीसरा बच्चा गुल्लू तिवारी (2 वर्ष) पुत्र प्रिंस तिवारी था। इन तीनों की मृत्यु ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है।

ब्लॉक प्रमुख ने गांव का दौरा किया
इस गंभीर स्थिति की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गया। ब्लॉक प्रमुख पूनम द्विवेदी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सोमवार की रात को गांव का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया, जिससे तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किए जा सकें।

स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची
सीएचसी अधीक्षक डॉ. सुनील पासवान के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की एक टीम तुरंत गांव पहुंची। टीम ने न केवल दवाओं का वितरण किया, बल्कि डायरिया से पीड़ित अन्य बच्चों की भी पहचान की, ताकि उन्हें समय रहते उपचार मिल सके। गंभीर रूप से बीमार बच्चों को तुरंत सीएचसी इटियाथोक रेफर किया गया, जहां अमन, सुनीता, दीप शिखा, आदर्श, मुस्कान और अनीता जैसे कई बच्चों का इलाज चल रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की मरीजों की जांच  
स्वास्थ्य विभाग ने गांव में एक विशेष चिकित्सा शिविर भी स्थापित किया है, जहां डॉक्टर और नर्स लगातार मरीजों की जांच कर रहे हैं। साथ ही, स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नगर पालिका के सफाईकर्मियों को गांव में तैनात किया गया है, जो लगातार साफ-सफाई अभियान चला रहे हैं। मच्छर और अन्य कीटाणुओं के प्रसार को रोकने के लिए एंटी-लार्वा का छिड़काव भी किया जा रहा है।

Also Read