सिटीजन चार्टर जारी : जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और वरासत के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे

UPT | अधिकारियों की बैठक लेतीं जिलाधिकारी।

Sep 09, 2024 21:16

गोंडा के नागरिकों को जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और वरासत जैसे मामलों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। जिलाधिकारीने सिटीजन चार्टर जारी किया, जिसमें जनसेवा से जुड़े मामलों के निस्तारण के लिए एक निश्चित समयसीमा निर्धारित की गई है।

Gonda News : अब गोंडा के नागरिकों को जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और वरासत जैसे मामलों के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सिटीजन चार्टर जारी किया, जिसमें जनसेवा से जुड़े मामलों के निस्तारण के लिए एक निश्चित समयसीमा निर्धारित की गई है। इस चार्टर के तहत सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सभी मामलों को तय समयसीमा के भीतर निपटाया जाए। अगर ऐसा नहीं होता, तो लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

समयसीमा में मामलों का निपटारा
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि निवास प्रमाण पत्र के आवेदन का निपटारा 20 दिनों के भीतर किया जाए। जाति प्रमाण पत्र के लिए भी यही समयसीमा तय की गई है। आय प्रमाण पत्र के मामले में सामान्य आवेदन को 15 दिन और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 7 दिन के भीतर निपटारा सुनिश्चित करना होगा। इसके साथ ही, हैसियत (साल्वेंसी) से संबंधित मामलों को 45 दिनों के भीतर निपटाया जाना आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तहसीलदार और उप जिलाधिकारी नियमित रूप से इन मामलों की समीक्षा करें।

राजस्व वादों के लिए विशेष अभियान
जिलाधिकारी ने राजस्व न्यायालयों में लम्बित मामलों के निस्तारण के लिए एक विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि 2 से 5 साल पुराने करीब 8000 से अधिक मामले जनपद में लंबित हैं, जिनका शीघ्र निस्तारण जरूरी है। धारा 80 और धारा 116 के अंतर्गत दर्ज मामलों के लिए भी समयसीमा तय की गई है, जिसमें किसी भी मामले को 45 दिन से ज्यादा लंबित नहीं रहने दिया जाएगा।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि वरासत से जुड़े मामलों का निपटारा भी तय समयसीमा में होना चाहिए, ताकि माह के अंत तक कोई भी आवेदन लंबित न रहे। इसके साथ ही, धारा-34 और धारा-24 के अंतर्गत मामलों की समयसीमा 45 दिन और 3 महीने तय की गई है। 

अन्य निर्देश
जिलाधिकारी ने अन्य कई महत्वपूर्ण निर्देश भी जारी किए हैं, जैसे कृषि, मत्स्य पालन, और कुम्हारी कला से जुड़े लाभार्थियों के लिए पोर्टल पर पट्टों की स्वीकृति और फीडिंग का काम समय पर पूरा हो। ई-परवाना जारी करने का काम भी समयसीमा के भीतर पूरा होना चाहिए।

मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष और मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता के मामलों में भी तेजी लाने का आदेश दिया गया है, ताकि प्रभावित परिवारों को समय पर सहायता राशि मिल सके। दैवी आपदा से संबंधित मामलों में भी समय पर राहत पहुंचाई जानी चाहिए और विलंब होने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

जिलाधिकारी ने एंटी भू-माफिया से जुड़े मामलों में भी समयबद्ध तरीके से कार्रवाई करने और सभी शिकायती पत्रों का निपटारा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

इस सिटीजन चार्टर के तहत अब नागरिकों को सरकारी सेवाओं का लाभ जल्द और सुचारु रूप से मिल सकेगा, और यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी लापरवाही करता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी। 

Also Read