दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम लागू किया

UPT | दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय

Aug 21, 2024 03:35

गोरखपुर विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को अपनाते हुए उसका प्रारूप जारी कर दिया है। इस नए कोर्स का उद्देश्य विद्यार्थियों के समग्र विकास और कौशल संवर्द्धन पर जोर देना…

Gorakhpur News : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को अपनाते हुए उसका प्रारूप जारी कर दिया है। इस नए कोर्स का उद्देश्य विद्यार्थियों के समग्र विकास और कौशल संवर्द्धन पर जोर देना है, ताकि स्नातक के बाद उन्हें रोजगार के लिए भटकना न पड़े। 

चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में कुल आठ सेमेस्टर होंगे
इस चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में कुल आठ सेमेस्टर होंगे, जिसमें पहले चार सेमेस्टर में प्रत्येक के लिए 23 क्रेडिट और अंतिम चार सेमेस्टर में प्रत्येक के लिए 20 क्रेडिट शामिल किए गए हैं। स्नातक डिग्री प्राप्त करने के लिए छात्रों को कुल 132 क्रेडिट अर्जित करने होंगे, जबकि ऑनर्स डिग्री के लिए 172 क्रेडिट की आवश्यकता होगी। प्रत्येक क्रेडिट को 15 शिक्षण घंटों के समकक्ष माना गया है।

पहले चार सेमेस्टर में विद्यार्थियों के कौशल और क्षमता संवर्द्धन पर विशेष ध्यान दिया गया 
पाठ्यक्रम के पहले चार सेमेस्टर में विद्यार्थियों के कौशल और क्षमता संवर्द्धन पर विशेष ध्यान दिया गया है। पहले चार सेमेस्टर में, दो क्रेडिट क्षमता संवर्द्धन के लिए और तीन क्रेडिट कौशल विकास के लिए समर्पित होंगे। कौशल संवर्द्धन के विषय पहले तीन सेमेस्टर में और क्षमता संवर्द्धन के विषय पहले चार सेमेस्टर में पढ़ाए जाएंगे। विशेष रूप से, गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपने कोर्स में भारतीय ज्ञान प्रणाली (Indian Knowledge System) को पहले सेमेस्टर में शामिल करके राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों से एक कदम आगे बढ़ाया है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय ने दूसरे सेमेस्टर में खेल, एनसीसी, एनएसएस जैसे सह पाठ्यक्रम, तीसरे सेमेस्टर में भारतीय भाषाओं को और चौथे सेमेस्टर में सामयिक महत्व के विषयों को शामिल किया है।

स्नातक पाठ्यक्रम के सेमेस्टरवार विशिष्ट विषय :

पहला सेमेस्टर : भारतीय ज्ञान प्रणाली
दूसरा सेमेस्टर : सह पाठ्यक्रम (खेल, एनसीसी, एनएसएस)
तीसरा सेमेस्टर : भारतीय भाषाएं
चौथा सेमेस्टर : सामयिक महत्व के विषय 

गोरखपुर विश्वविद्यालय का यह कदम छात्रों को रोजगारपरक बनाने और उनकी शैक्षणिक योग्यता को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार उन्नत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि इस पाठ्यक्रम के जरिए छात्र न केवल शैक्षिक रूप से, बल्कि व्यावहारिक रूप से भी सक्षम बनेंगे। 

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